नई दिल्ली। कार्यालय में जीतना है तो यहां आपको पॉजिटिव रहना होगा हमेशा। सबसे अच्छी तरह से व्यवहार करें। फिर चाहे आप रिस्पेशनिस्ट हो या कर्मचारी हो। आप सभी आॅफिस वकर्स से फीडबैक लें। यह फीडबैक डिजिटल रखें, ताकि सब खुलकर, बिना डरे अपनी राय व सुझाव आप तक रख पाएं। खास प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, तो बाहरी लोगों की कैबिन में आने की पाबंदी जरूरी है। वरना एकाग्रता टूटती है।
बिना बोले भी बहुत कुछ बोला जा सकता है। इसलिए तारीफ करनी है या मोटिवेट करना है या वर्कप्लेस में खुशनुमा माहौल बनाना है, तो बाॅडी लैंग्वेज, बाॅडी पोस्टर, स्माइल, वोकल टोन का पाॅजिटिव इस्तेमाल करें। साथ ही गु्रप वाॅटसऐप की बजाय पर्सनल वाॅटसऐप में गुडी-गुडी इमोजी दें। मीटिंग चाहे टीम मेंबर्स, शेयरहोल्डर्स, क्लाइंट्स या अन्य स्टाफ के साथ हो कुछ कायदे अपनाएं, ताकि आपका इम्प्रेशन सब पर छा जाए और आप आॅफिस में रोल माॅडल बन जाएं।
मीटिंग के समय फोन साइलेंट मोड पर रखें, बार-बार फोन चेक नहीं करें, मीडियम टोन में बात करें, एजेंडा से भटके नहीं, बोलने-सुनने में सामंजस्य रखें, खाना-पीना नहीं रखें, मीटिंग लंबी हो तो टी ब्रेक जरूर रखें। इज्जत पाने का तरीका है इज्जत देना। आप बातचीत सीईओ, बाॅस या स्टाफ से करें। तारीफ से बिगड़े व टेड़े का काम चुटकी में बन जाते हैं। आप डेडलाइंस को प्रफोशनल्स की तरह पूरा करें। आप समयनिष्ठा का पालन करेंगे, तो आॅफिस कल्चर में समय पाबंदी की लहर बहेगी। यानी सबकी बेस्ट पफाॅर्मेंस। आॅफिस में गाॅसिप से माहौल खराब होता है। साथ ही समय की बर्बादी और आपसी रिश्ते खराब होते हैं। आपको लगे कि गाॅसिप आॅफिस में पहुुंच गया है, तो टीम लीडर होने के नाते उसे बाहर निकालें। इसका उपाय है कि सबके के साथ मिलकर काम से जुड़े विषय की नई-नई जानकारियां एक-दूजे से साझा करें।