नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस के हमला करने के बाद भारत सरकार की ओर से पहली प्रतिक्रिया आई है। विदेश राज्यमंत्री डॉक्टर राजकुमार रंजन सिंह ने कहा है कि भारत शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद करता है और हमारा स्टैंड तटस्थ है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद भारत में भी हलचल शुरू हो गई है, क्योंकि यूक्रेन में अभी भी बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों की मौजूदगी, जिन्हें वापस लाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं।
दिल्ली में लगातार विदेश मंत्रालय की हाईलेवल मीटिंग चल रही हैं। इसके अलावा यूक्रेन में मौजूद भारतीयों की मदद के लिए विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में कंट्रोल रूम बनाया है, जो छात्रों और भारतीय नागरिकों की मदद के लिए 24×7 उपलब्ध रहेगा। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी है कि एयर स्पेस बंद होने के बाद भारत सरकार यूक्रेन से अपने लोगों को लाने के लिए वैकल्पिक रास्तों पर विचार कर रही है।
यूक्रेन में भारतीय दूतावास अभी भी काम कर रहा है। इसके अलावा यूक्रेन में रूसी भाषी अधिकारियों को पड़ोसी देशों में भारतीय दूतावास में भेजा जा रहा है। यूक्रेन में रहने वाले भारतीयों को ये सलाह दी जा रही है कि वो सावधानी से हर काम करें।
इससे पहले बुधवार को रूस ने भारत के ‘स्वतंत्र स्थिति’ का स्वागत किया था। रूस ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन संकट पर भारत का नजरिया दोनों देशों के बीच के विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को प्रदर्शित करता है। रूस के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बाबुश्किन ने कहा कि भारत एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के रूप में अहम भूमिका निभा रहा है और वैश्विक मामलों में यह ‘स्वतंत्र और संतुलित’ दृष्टिकोण अपनाता है। उन्होंने यह भी कहा था कि इस संकट से रक्षा समेत भारत-रूस संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, और अगले महीने गुजरात में होने वाले डिफेंस एक्सपो में रूस की विशाल भागीदारी देखने को मिलेगी।