नई दिल्ली। रूस के यूक्रेन के अलग-अलग इलाकों में ताबड़तोड़ हमलों के बीच पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति से बात हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की। पीएम मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए पुतिन से चर्चा की।
रूसी राष्ट्रपति से बातचीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन के हालात पर हाई लेवल मीटिंग बुलाई। इससे पहले पीएम इस मामले को लेकर पांच बैठकें कर चुके हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा की समीक्षा की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, पूरी सरकारी मशीनरी 24 घंटे काम कर रही है, ताकि भारतीय नागरिकों को वापस स्वेदश लाया जा सके।
The leaders agreed to continue close cooperation in order to ensure the safety of the Indian citizens in Ukraine. https://t.co/Gx1HQa0U5l
— Russia in India 🇷🇺 (@RusEmbIndia) March 2, 2022
रूस ने कहा कि, ये सभी छात्र यूक्रेनी क्षेत्र को छोड़कर बेलगोरोड जाना चाहते हैं। लेकिन उनको यूक्रेन पोलैंड बार्डर से भेजने की पेशकश की जा रही है जो उपद्रवग्रस्त इलाक़ा है। रूसी दूतावास ने अपने बयान में कहा है कि, रूसी सशस्त्र बल भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए तैयार हैं। उन्हें रूसी क्षेत्र से रास्ता देकर रूसी सैन्य ट्रांसपोर्ट विमान या भारतीय विमानों के ज़रिए घर भेजने को तैयार है। जैसा कि भारतीय पक्ष प्रस्ताव रखा था। UN में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पारित, भारत ने मतदान से फिर बनाई दूरी रूस द्वारा चौंकाने वाला यह दावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करने के बाद आय़ा है।
इससे पहले पीएम मोदी ने एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की। पीएम मोदी की ये बातचीत इसलिए ज्यादा अहम है क्योंकि रूसी सेना ने यूक्रेन के कई बड़े शहरों पर हमले तेज कर दिए हैं। यूक्रेन के खारकीव को आज हुए हमले में भारी नुकसान हुआ है और काफी लोगों की जान भी चली गई है। रूस के इन आरोपों के बाद यूक्रेन के विदेश मंत्रायल ने बयान जारी किया है। यूक्रेन के विदेश मामलों के मंत्रालय ने भारत, पाकिस्तान, चीन और अन्य देशों की सरकारों से तत्काल आह्वान किया हैं कि जिनके छात्र खार्किव और सुमी में रूसी सशस्त्र ने बंधक बन लिए हैं। वे मास्को से मांग करें कि बच्चों को निकलाने के लिए मानवीय गलियारा खोल दे।