नई दिल्ली। सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का ताजातरीन फिक्शन शो मोसे छल किये जाए, जिसका प्रीमियर 7 फरवरी को हुआ था, दो जुदा इंसानों की एक कहानी है, जिनमें एक है महत्वाकांक्षी और संघर्षशील टीवी लेखिका सौम्या वर्मा और दूसरे हैं आकर्षक एवं सफल टीवी प्रोड्यूसर अरमान ओबेरॉय, जिनकी धोखे वाली फितरत भी है। शशि मित्तल और सुमीत मित्तल के निर्माण में बने इस शो को अपनी दमदार कहानी और लीड कलाकारों विजयेंद्र कुमेरिया और विधि पंड्या की शानदार परफॉर्मेंस के लिए बहुत बढ़िया प्रतिक्रियाएं मिली हैं।
इस शो में आगे आने वाली ‘छलावे की शादी’ की एक झलक दिखाने के लिए इस शो के लीड कलाकार आज राजधानी दिल्ली पहुंचे। इस शो में दर्शकों ने अब तक देखा कि किस तरह सौम्या एक लेखिका के रूप में अपना करियर बनाने के लिए अरमान का शादी का प्रस्ताव ठुकरा देती है, जिससे अरमान आहत हो जाता है। लेकिन अरमान कहां हार मानने वाला था। वो अपने शातिर दिमाग और छल कपट से सौम्या को अपने फैसले पर दोबारा सोचने पर मजबूर कर देता है और फिर से उसके सामने शादी का प्रस्ताव रखता है! सौम्या के लिए ये शादी बराबरी के अधिकार की है, जहां अरमान उसकी महत्वाकांक्षा का समर्थन करता है… लेकिन अरमान का एक धोखे वाला चेहरा भी है, जिससे सौम्या अनजान है।
विशेष बातचीत में इस शो में अरमान ओबरॉय का किरदार निभा रहे विजयेंद्र कुमारिया ने कहा कि सबसे पहले तो मैं इस शो को दर्शकों से मिले पॉजिटिव रिस्पॉन्स के लिए उनका आभारी हूं। मैं असल जिंदगी में अरमान की तरह नहीं हूं और ऐसे में इस किरदार को पर्दे पर प्रस्तुत करना बड़ा चुनौती भरा है। आपने पहले भी पर्दे पर शादियों के प्रस्ताव ठुकराते हुए देखे होंगे, जिसका सबसे स्वाभाविक असर यह होता है कि आप जिंदगी में आगे बढ़ जाएं। लेकिन एक किरदार के रूप में अरमान रिजेक्शंस का आदी नहीं है। वो हेराफेरी में इतना माहिर है कि वो किसी भी तरह से अपनी बात मनवा ही लेता है और इसके लिए सामने वाले व्यक्ति को शर्मिंदा भी महसूस करा देता है।
तो सौम्या के साथ उसकी शादी कुछ नहीं, बल्कि एक छलावे की शादी है। अरमान की सोच के मुताबिक एक औरत को अपनी जगह पता होनी चाहिए और वो यह सुनिश्चित करता है कि सौम्या को भी इस बात का एहसास हो। अरमान के अंदर बहुत कुछ छिपा है और शादी के बाद वो यह सुनिश्चित करेगा कि सौम्या उसके हाथों की कठपुतली बन जाए। सबसे खराब बात तो यह है कि उसके शातिर दिमाग की करतूतें कोई भी नहीं समझ पाता, यहां तक की सौम्या भी नहीं! मुझे उम्मीद है कि दर्शक इस शो को अपना प्यार और समर्थन देते रहेंगे। दिल्ली की बात करूं तो यह मेरी सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है! इस शहर की समृद्ध संस्कृति है और यहां के लोग बड़े खुशमिजाज हैं… ऐसे में आश्चर्य नहीं कि इसे दिलवालों की दिल्ली कहा जाता है!