कोच्चि। कोच्चि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना के नए निशान का अनावरण किया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है। ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
कोचीन में स्थित कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यदि लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनंत हैं- तो भारत का उत्तर विक्रांत है। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत। केरल के समुद्री तट पर पूरा भारत एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। INS विक्रांत पर हो रहा यह आयोजन, विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है। आज 2 सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है। आज भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है।
INS Vikrant is an example of Government's thrust to making India's defence sector self-reliant. https://t.co/97GkAzZ3sk
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2022
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘ओल्ड शिप्स नेवर डाई’। 1971 के युद्ध में अपनी शानदार भूमिका निभाने वाले विक्रांत का यह नया अवतार, ‘अमृत-काल’ की उपलब्धि के साथ-साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और बहादुर फौजियों को भी एक विनम्र श्रद्धांजलि है। हम एक मुक्त, खुला, समावेशी इंडो-पैसिफिक में विश्वास रखते हैं। इस संबंध में हमारे प्रयास प्रधानमंत्री की दृष्टि ‘SAGAR’ यानी ‘सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन दा रीजन’ से निर्देशित है।
The first ever Indigenous Aircraft Carrier, INS Vikrant is being commissioned by PM Shri @narendramodi in Kochi.
https://t.co/2aQIknPGZ0— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 2, 2022