नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर के आम लोगों से बात की जाए, तो उनकी एक पीडा झलकती है। वे लोग कहते हैं कि आजकल महंगाई की खबरें नहीं बनती है। न ही अखबारों के पहले पन्नों पर यह स्थान पाती है। माना कि किसान का मुद्दा जरूरी है, लेकिन हमारे जेब पर भी तो डाका पड रहा है।
यह किसी एक व्यक्ति की दुखभरी दास्तां नहीं हैं। जो लोग भी प्रत्यक्ष रूप से पेट्रोल और डीजल भरवाते हैं, उनका दर्द है। इसका परोक्ष असर सभी चीजों पर पडता है। असल में, देश में पेट्रोल और डीजल के दाम शनिवार को अपने नए उच्चस्तर पर पहुंच गया। आपको पता हो न हो, लेकिन यह सच है कि पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने इस सप्ताह चैथी बार वाहन ईंधन कीमतो में बढ़ोतरी की है।
बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों….इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) ने छह जनवरी से वाहन कीमतों में रोजाना संशोधन फिर शुरू किया था। इससे पहले करीब एक माह तक वाहन ईंधन कीमतों में बदलाव नहीं किया गया था।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इससे पहले इसी सप्ताह वाहन ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी के लिए सऊदी अरब द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, उन्होंने वाहन ईंधन पर करों में कटौती को लेकर कुछ नहीं कहा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार शनिवार को पेट्रोल और डीजल दोनों के दाम 25-25 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं। इससे दिल्ली में पेट्रोल 85.70 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 92.28 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है।
देश की राजधानी दिल्ली में डीजल 75.88 रुपये प्रति लीटर और आर्थिक राजधानी मुंबई में 82.66 रुपये प्रति लीटर हो गया है। दरअसल, वाहन ईंधन कीमतों में लगातार दूसरे दिन वृद्धि की गई है। इस सप्ताह चार बार में वाहन ईंधन के दाम एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं।