कमलेश भारतीय
हरियाणा के खेल मंत्री , देश की हाॅकी टीम के पूर्व सितारे , प्रतिभावान खिलाड़ी और राजनेता संदीप सिंह पर एक महिला कोच ने पहले दोस्ती करने और फिर गर्लफ्रेंड बनने की ऑफर के आरोप लगाये हैं । दोस्ती ऐसी कि विभाग की गोपनीय सूची तक पहले ही इस महिला कोच को भेजकर बताया कि तुम्हारी नियुक्ति करवा दी है । ऐसी दीवानगी देखी नहीं ! महिला कोच को इंस्ट्राग्राम तक खींच कर लाये और फिर वेनिश मोड पर चैटिंग तक ! फिर कोठी गयी महिला कोच को सीसीटीवी फुटेज से बाहर जाकर छेड़ने की कोशिश और महिला कोच का धक्का देकर भाग निकलना ! इसके बाद इनेलो ऑफिस में मीडिया के सामने सारा मामला लाना ! हद तो है हरियाणा महिला आयोग की जिसकी चेयरपर्सन रेणु भाटिया कह रही हैं कि यदि महिला कोच शिकायत कोई शिकायत करेगी तो आयोग उसकी जांच करेगा ! कब तक आंखें बंद रखेगा महिला आयोग ? किस ग्रह पर यह आयोग काम कर रहा है ? इसी ग्रह पर , इसी हरियाणा में और इसे मामले पर खुद संज्ञान लेने की जरूरत है न कि महिला कोच की शिकायत की राह देखने की !
मंत्री संदीप सिंह के लिये शैक्षणिक अवकाश पर गयीं एक उपनिदेशक कविता आईं मीडिया के सामने आरोप लगाने कि महिला कोच समय पर जिम प्रेक्टिस के लिए नहीं आती थीं । पूछने पर बहस करती थीं लेकिन मीडिया के सवालों से परेशान होकर इतना ही कहा कि खेल मंत्री अच्छे हैं और उन्हें नहीं लगता कि ऐसा व्यवहार किया होगा ! फिर आप अवकाश के बीच क्यों आईं मीडिया के सामने आरोप लगाने ? किसके कहने पर ? फिर मुकर क्यों गयीं मीडिया को बुलाने के नाम पर ?
लगभग एक घंटे तक हरियाणा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने भी मुलाकात की खेलमंत्री संदीप सिह से । क्या निकला ये तो वे मुख्यमंत्री को ही बतायेंगे ! गोपनीय ठहरी बात !
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मांग की है कि महिला कोच के खेल मंत्री पर लगाये गये आरोपों की निष्पक्ष जांच की जाये !
महिला कोच अपनी शिकायत दर्ज करवाने पूरे फिल्मी स्टाइल में मीडिया के साथ अपनी शिकायत दर्ज करवाने पहुंचीं । भरोसा दिया गया कि निष्पक्ष जांच की जायेगी । महिला कोच ने आरोप लगाया कि जब से उसने यह मामला उजागर किया है उसे धमकियां मिल रही हैं । सोशल मीडिया पर भी धमकाया जा रहा है ।
याद होगा कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बटाला के बेटे विकास द्वारा आईएएस की बेटी वर्णिका का आधी रात पीछा किये जाने का मामला कितनी चर्चा में रहा था ? उसके बाद इतने गंभीर आरोप खेलमंत्री पर लगे हैं । तब भाजपा ने सुभाष बराला को अध्यक्ष पद पर बनाये रखा था । क्या खेलमंत्री संदीप सिंह भी इतने खुशकिस्मत होंगे या मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा ? इसीलिए यह इंटरवल है । आगे का खेल अभी बाकी है । इंतजार कीजिए दम साधे आगे क्या होने वाला है !
जिंदगी है खेल
कोई पास , कोई फेल
ओ बाबू समझे क्या !
(पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी)