जरूरी है कि सांस्कृतिक विरासत के सब जानें

यदि आप सांस्कृतिक विरासत को नहीं जानेंगे, तो धीरे—धीरे आपकी जड़े कमजोर होती जाएंगी।

नई दिल्ली। सांस्कृतिक जागरूकता की प्रासंगिकता को पहचान कर मंत्रालय नियमित रूप से विभिन्न अवसरों जैसे विश्व धरोहर दिवस, विश्व धरोहर सप्ताह, अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती पर प्रदर्शनियों, स्लाइड शो के साथ व्याख्यान, कार्यशालाओं, प्रतियोगिताओं और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनता, स्कूल और कॉलेज के छात्रों को शामिल करते हुए सांस्कृतिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है। इसके अलावा, चयनित स्मारकों के व्याख्या केंद्र में वीडियो फिल्में दिखाई जाती हैं।

इसके अलावा, संस्कृति मंत्रालय स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, गांधी जयंती, अंबेडकर जयंती, कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती, वाचन दिवस, अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस, शिक्षक दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर आम जनता के लिए पुस्तकों के रूप में अपने सांस्कृतिक विरासत के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए नियमित रूप से ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में पुस्तक प्रदर्शनियां, कार्यक्रम और व्याख्यान आयोजित करता है।

आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत ‘किला और कहानियां’ अभियान, ‘वंडर केव्स’ अभियान, ‘माधवपुर घेड़ उत्सव’, ‘कलांजलि’ कार्यक्रम, ‘वितस्ता- कश्मीर की बौद्ध विरासत का उत्सव’ और ‘मेरा गांव मेरी धरोहर’ आदि जैसी गतिविधियां आयोजित की गईं।-

गैलरी, पुस्तकालय, अभिलेखागार और संग्रहालय (जीएलएएम) प्रभाग ने कार्यशालाओं, संगोष्ठियों, प्रदर्शनियों, मास्टर कक्षाओं, व्यावहारिक प्रशिक्षण आदि के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो, पुस्तकालय और भारतीय कला महोत्सव तथा वास्तुकला एवं डिजाइन द्विवार्षिक का आयोजन किया है।

इसके अलावा, मंत्रालय के अंतर्गत क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र ने क्षेत्रीय स्तर के उत्सव भी मनाए हैं, जैसे कुरुक्षेत्र (हरियाणा) का गीता महोत्सव, पोरबंदर (गुजरात) का माधवपुर घेड़ महोत्सव, गोवा का लोकोत्सव, नागपुर (महाराष्ट्र) का ऑरेंज सिटी क्राफ्ट मेला, ओडिशा का लिंगराज महोत्सव, पश्चिम बंगाल का सिल्क सिटी महोत्सव, मणिपुर का डिस्कवर नॉर्थ ईस्ट, इम्फाल (मणिपुर) का मणिपुर संगाई महोत्सव, चांदीपुर (ओडिशा) का गोल्डन बीच महोत्सव, गांधीनगर (गुजरात) का वसंतोत्सव और तेलंगाना का राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव।