नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी विमानन कंपनी एयर इंडिया का अधिग्रहण भले ही टाटा ग्रुप द्वारा कर लिया गया है, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर उसे अभी भी कई मुष्किलों का सामना करना है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वी के सिंह ने बताया कि सितंबर 2021 तक एयर इंडिया पर भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण के 2,350 करोड़ रुपये बकाया हैं।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वी के सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि स्पाइस जेट एयरलाइन पर सितंबर तक भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) के 185 करोड़ रुपये बकाया हैं। उन्होंने बताया कि सितंबर तक स्पाइस जेट पर एएआई के 109 करोड़ रुपये और गो एयर (अब गो फर्स्ट) पर एएआई के 56 करोड़ रुपये बकाया हैं।
उन्होंने कहा ‘‘कुछ एयरलाइन ने अपना बकाया अब तक नहीं दिया है। एएआई अपनी क्रेडिट नीति के अनुसार, बकाया राशि के लिए एयरलाइनों को नियमित रूप से सूचित करता रहता है। सिंह ने बताया कि बकाया राशि की वसूली के लिए एएआई के पास दंड स्वरूप ब्याज लगाने, सुरक्षा के तौर पर जमा राशि की जब्ती तथा कानूनी कार्रवाई जैसे विकल्प हैं।
देश भर में एएआई के पास 125 हवाईअड्डों का स्वामित्व है। एयरलाइनें एएआई के हवाईअड्डों का उपयोग अपने परिचालन के लिए करने के वास्ते उसे लैंडिंग, पार्किंग आदि सहित अन्य शुल्कों का भुगतान करती हैं।