नई दिल्ली। उपवास का मतलब सिर्फ भूख को त्यागना और इंद्रियों का एक दिन के लिए बस में करना मात्र नहीं है। इसके साथ-साथ कुछ मान्यताओं और ज्योतिष विज्ञान को भी इसमें शामिल करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान गोपाल प्रसन्न होते हैं और उनका आशीष मिलता है। ऐसा कहा जाता है। आज आप भी जन्माष्टमी का वत्र रख रखे हैं, तो जानिए इससे जुड़ी विधि व पारन की तिथियों की जानकारी।
पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर घर के मंदिर को अच्छे से साफ कर लें। फिर एक साफ चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और चौकी पर बाल गोपाल की प्रतिमा स्थापित करें। इस दिन बाल गोपाल की अपने बेटे की तरह सेवा करें। उन्हें झूला झुलाएं। लड्डू और खीर का भोग लगाएं। रात 12 बजे के करीब भगवान कृष्ण की विधि विधान पूजा करें। उन्हें घी, मिश्री, माखन, खीर इत्यादि चीजों का भोग लगाएं। कृष्ण जी के जन्म की कथा सुने। उनकी आरती उतारें और अंत में प्रसाद सबको वितरित कर दें।
कृष्ण जन्माष्टमी मुहूर्त
भगवान श्रीकृष्ण का 5248वां जन्मोत्सव
पूजा का समय – 11:59 PM से 12:44 AM 31 अगस्त तक
अवधि – 45 मिनट
पारण समय – 12:44 AM, अगस्त 31 के बाद
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – 29 अगस्त 2021 को 11:25 PM बजे
अष्टमी तिथि समाप्त – 31 अगस्त 2021 को 01:59 AM बजे
रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ – 30 अगस्त 2021 को 06:39 AM बजे
रोहिणी नक्षत्र समाप्त – 31 अगस्त 2021 को 09:44 AM बजे