नई दिल्ली। समाज सुधारक व शिक्षा के लिए काम करने वाली समाजसेवक ज्योतिबा फूले का आज 11 अप्रैल को जयंती है। ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रॅल, 1827 ई. में पुणे में हुआ था। उनका परिवार कई पीढ़ी पहले सतारा से पुणे फूलों के गजरे आदि बनाने का काम करने लगा था। इसलिए माली के काम में लगे ये लोग ‘फुले’ के नाम से जाने जाते थे। ज्योतिराव गोविंदराव फुले (Jyotirao Govindrao Phule) प्रसिद्ध नाम – ‘ज्योतिबा फुले’, महाराष्ट्र में सर्वप्रथम अछूतोद्धार और महिला शिक्षा का काम आरंभ करने वाले महान् भारतीय विचारक, समाज सेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने संदेश में कहा है कि महान समाजसेवी, विचारक, दार्शनिक एवं लेखक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। वे जीवनपर्यंत महिलाओं की शिक्षा और उनके सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध रहे। समाज सुधार के प्रति उनकी निष्ठा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
महान समाजसेवी, विचारक, दार्शनिक एवं लेखक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। वे जीवनपर्यंत महिलाओं की शिक्षा और उनके सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध रहे। समाज सुधार के प्रति उनकी निष्ठा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
— Narendra Modi (@narendramodi) April 11, 2021
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले (Jyotiba Phule) यांच्या जयंतीनिमित्त विनम्र अभिवादन।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन Hemant Soren) ने अपने संदेश में कहा है कि भेदभाव, अन्याय और अत्याचार के खिलाफ पुरजोर तरीके से आवाज उठाने वाले महान समाज सुधारक और शिक्षक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती पर शत-शत नमन।
भेदभाव, अन्याय और अत्याचार के खिलाफ़ पुरजोर तरीके से आवाज उठाने वाले महान समाज सुधारक और शिक्षक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती पर शत-शत नमन।#महात्मा_ज्योतिबा_फुले
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) April 11, 2021
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर (Prakash Javedkra) की ओर से कहा गया है कि महान विचारक, समाजसेवी, लेखक ज्योतिराव गोविंदराव फुले जी (Jyotirao Govindrao Phule) को उनकी जयंती पर श्रद्धापूर्वक नमन। उन्होंने महिलाओं के लिए देश का पहला महिला शिक्षा स्कूल खोला था व भारतीय समाज में होने वाले जातिगत आधारित विभाजन और भेदभाव को खत्म करने में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया ।