शिमला। मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार कंगना रनौत ने रविवार को कांग्रेस पर महिलाओं का अपमान करने का आरोप लगाया और दावा किया कि उनकी पार्टी के किसी नेता ने कभी इस तरह का कोई कृत्य नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने भारतीय संविधान के निर्माता बी आर आंबेडकर और सुभाष चंद्र बोस, वी डी सावरकर और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे देशभक्तों को उचित सम्मान नहीं दिया।
मंडी सीट से कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि रनौत को सिखाया जा रहा है और वह तथ्यों पर ध्यान दिए बिना बोल रही हैं। हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सिंह ने कहा कि अभद्र का इस्तेमाल करने और झूठे आरोप लगाने से लोगों का दिल नहीं जीता जा सकता। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार रनौत से मंडी निर्वाचन क्षेत्र के लिए अपना दृष्टिकोण बताने को कहा। रनौत ने सिराज और बंजार विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘उनकी (कांग्रेस नेताओं की) मानसिकता ऐसी है कि वे मेरा, (भाजपा सांसद) हेमा मालिनी, जयाप्रदा और अन्य महिलाओं का अपमान करते हैं, चाहे उनकी उम्र या वैवाहिक स्थिति कुछ भी हो। हमें हैरानी होती है कि वे कितना नीचे गिर सकते हैं।’’
सोशल मीडिया मंच पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत के एक खाते से रनौत के खिलाफ एक विवादित टिप्पणी पोस्ट की गई थी। इस पोस्ट पर विवाद होने के बाद श्रीनेत ने इस टिप्पणी को अपने सोशल मीडिया खाते को हटा दिया था। उन्होंने दावा किया था कि ये टिप्पणियों उन्होंने नहीं, बल्कि किसी और ने उनके खाते से पोस्ट कीं। रनौत ने दावा किया कि किसी भी भाजपा नेता ने महिलाओं के लिए कभी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया और उन्होंने महिलाओं के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की विभिन्न पहलों को सूचीबद्ध किया।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर अपने चुनावी वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाया। भाजपा उम्मीदवार ने दावा किया कि सुक्खू ने 1,000 से अधिक संस्थानों को बंद कर दिया और भाजपा शासन के दौरान जो विकास कार्य तेजी से जारी थे, वे रुक गए हैं। रनौत ने आंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन में उनका बहुत बड़ा योगदान था लेकिन कांग्रेस ने उन्हें और सुभाष चंद्र बोस, वी डी सावरकर और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे अन्य महान देशभक्तों को उचित सम्मान नहीं दिया।