त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री बने माणिक साहा, पद लेने के बाद कही ये बात

त्रिपुरा में भाजपा ने भले ही सीएम का चेहरा बदल दिया है लेकिन पार्टी विधायकों में बेहद असंतोष देखा जा रहा है। बिप्लव देव भले ही शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे, लेकिन कई पूर्व मंत्री और विधायकों की अनुपस्थिति रही। नतीजा, केवल सीएम ने पद की शपथ ली है। मंत्रियों की सूची नहीं बन पाई है।

अगरतल्ला। भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश में शनिवार को विप्लव देब ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और रविवार को नए मुख्यमंत्री के रूप में माणिक साहा ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ले ली है। माणिक साहा ने अकेले ही शपथ ली क्योंकि मुख्यमंत्री के अचानक बदलने के बाद विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों के बीच बड़े पैमाने पर कथित असंतोष के कारण पार्टी ने अभी तक उनके कैबिनेट सदस्यों की सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद माणिक साहा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी के जो विकास के मुद्दे हैं उन्हें लेकर आगे बढ़ेंगे। क़ानून व्यवस्था को और बेहतर किया जाएगा। त्रिपुरा वासियों की समस्याओं का सब के साथ बात करके समाधान करेंगे।

बता दें कि साहा कांग्रेस छोड़कर 2016 में भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा में आने के बाद माणिक को चार साल बाद 2020 में प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बनाया गया। वह त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी बने।

बिप्लव कुमार देव के मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा और राम प्रसाद पॉल सहित तीन पूर्व मंत्री तथा कई विधायक शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहे। विप्लव देव हालांकि रतन लाल नाथ और आईपीएफटी नेता एवं पूर्व आदिवासी कल्याण मंत्री मेवार कुमार जमातिया तथा कुछ अन्य विधायकों और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे।