दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक को लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दिल्ली एलजी विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखा है.जिसकी जानकारी खुद मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करके दी।सिसोदिया ने लिखा एलजी साहब से से अनुरोध किया है कि MCD चुनाव से ठीक दो महीने पहले मोहल्ला क्लिनिक के डॉक्टर्स की सैलरी और सभी टेस्ट रोकने वाले अधिकारियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करें.
एलजी साहब से से अनुरोध किया है कि MCD चुनाव से ठीक दो महीने पहले मोहल्ला क्लिनिक के डॉक्टर्स की सैलरी और सभी टेस्ट रोकने वाले अधिकारियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करें. नहीं तो लोग कहेंगे कि अधिकारी आप के इशारे पर ही चुनाव से ठीक पहले यह षड्यंत्र रच रहे थे. pic.twitter.com/K4mXY5fQ1l
— Manish Sisodia (@msisodia) January 15, 2023
नहीं तो लोग कहेंगे कि अधिकारी आप के इशारे पर ही चुनाव से ठीक पहले यह षड्यंत्र रच रहे थे.पत्र में सिसोदिया ने लिखा दिल्ली में एमसीडी चुनाव से ठीक पहले दिल्ली की जनता को परेशान करने का एक गहरा षड़यंत्र रचा गया. आप जानते हैं कि दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई मोहल्ला क्लीनिक मै हर महीने करीब 15 लाख लोग अपना इलाज कराने आते हैं. मोहल्ला क्लीनिक में, एमबीबीएस डॉक्टर्स द्वारा लोगों का इलाज किया जाता है, उनके टेस्ट फ्री कराए जाते हैं और उन्हें फ्री दवाइयां दी जाती है. मोहल्ला क्लीनिक दिल्ली के कोने कोने में बने हैं इसलिए लोग अपने आसपास के मोहल्ला क्लीनिक में बहुत आसानी से पहुंच जाते हैं. एमसीडी चुनाव से ठीक पहले मोहल्ला क्लीनिक की इस पूरी व्यवस्था को ठप करने की साजिश रची गई.दिल्ली सरकार में बैठे कुछ अफसरों ने जानबूझकर फाइलों को कुछ इस तरह से घुमाया कि एमसीडी चुनाव से ठीक दो महीने पहले यानी अक्टूबर और नवंबर के महीने में मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर्स की सैलरी नहीं दी गई. मोहल्ला क्लीनिक में होने वाले सभी टेस्ट रोक दिए गए ताकि अगर सैलरी ना मिलने के बावजूद डॉक्टर्स मोहल्ला क्लीनिक में आएं और लोगों का इलाज भी करना चाहे तो बीमारी के इलाज के लिए जरूरी टैस्ट ना हो पाए. इतना ही नहीं मोहल्ला क्लीनिक के बिजली के बिल भी रोक दिए गए और जो मोहल्ला क्लिनिक किराए के भवनों में चल रही है उनका किराया भी नहीं जमा होने दिया गया. यह सब इसलिए किया गया ताकि जनता परेशान हो और हमारी सरकार से नाराज हो, सैलरी न मिलने से डॉक्टर्स परेशान हो और वह भी सरकार से नाराज हो और जनता को नाराज करें.स्वास्थ्य विभाग और वित्त विभाग के अधिकारी लगातार कोई ना कोई बहाना बनाकर फाइले इधर से उधर घुमाते रहे. फाइलों को नए नए सवाल पूछ कर इधर-उधर घुमाते हुए, चुनाव के पहले के ठीक दो महीने का समय बिना किसी भुगतान के निकाल दिया गया मैने जब अधिकारियों इस बारे में बात की तो आधिकारिक रूप से तो वह कुछ कुछ तकनीकी वजह बताते रहे लेकिन दबी जबान में यह भी बताते रहे हैं कि एलजी साहब की तरफ से शख्त आदेश है कि पेमेंट नहीं करने वरना ससपेंड किए जाओगे।सिसोदिया ने आगे लिखा कि दोषी अधिकारियों को चिह्नित करके उन्हें तुरंत सस्पेंड करें. उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करके उन्हें गिरफ़्तार किया जाए. नहीं तो ये साबित हो जायेगा कि आपने “सर्विसेज़” की शक्तिओं का दुरुपयोग किया है।