मिशन कोविड सुरक्षा: सरकार ने वैक्सीन के विकास के लिए 900 करोड़ स्टिमुलस पैकेज की घोषणा की

सरकार ने कोविड-19 की वैक्सीन को विकसित करने के प्रयासों में तेजी लाने के लिए भारतीय कोविड-19 वैक्सीन विकास मिशन के तहत मिशन कोविड सुरक्षा के लिए 900 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है।

वैक्सीन के विकास के लिए यह स्टिमुलस पैकेज जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) को दिया जाएगा।

इस पैकेज का मिशन टीके को विकसित करने के लिए किये जा रहे प्रयासों में तेजी लाना है। इससे कोविड-19 की रोकथाम के लिए करीब पांच-छह संभावित टीकों को विकसित करने में मदद मिलेगी। साथ ही यह भी कोशिश की जाएगी, कि इन वैक्सीन को जल्द से जल्द लाइसेंस मिले और मार्केट में लाया जा सके।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज पूरा देश कोविड -19 महामारी से गुजर रहा है, और सरकार सभी स्तरों पर इससे लड़ने के लिए सभी उपाय कर रही है। इस स्टिमुलस पैकेज की वजह से टीकों के विकास में मदद मिलेगी।

सरकार की तरफ से कोविड सुरक्षा मिशन के फेज़ 1 को 12 महीने के लिए 9 करोड़ रु दिए गए हैं।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा अभी तक 10 वैक्सीन को सपोर्ट दिया है, डीबीटी ने इन वैक्सीन को रिसर्च और उत्पादन दोनों ही क्षेत्रों में साथ दिया है। आज की तरीख में वैक्सीन के पांच उम्मीदवार ह्यूमन ट्रायल के लिए शामिल हैं, जिनमें रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी शामिल है।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की सचिव और बीआईआरएसी की चेयरपर्सन डॉ रेणु स्वरूप ने कहा, “मिशन कोविड सुरक्षा का लक्ष्य हमारे देश में स्वदेशी, सस्ती और सुलभ टीकों का विकास करना है, और यह राष्ट्रीय मिशन, आत्म निर्भर भारत का पूरक होगा।”

उन्होंने कहा, “भारत ने वैक्सीन निर्माण में बहुत ताकत दिखाई है, और इस नेशनल कोविड वैक्सीन मिशन के माध्यम से, हमें विश्वास है कि हमारे वैक्सीन निर्माता न केवल भारत बल्कि दुनिया के लिए सस्ती और सुलभ वैक्सीन विकसित करेंगे।”