मुंबई केस का बदला लिया जा रहा है,मामले की निष्पक्ष जांच हो

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर दुष्कर्म का आरोप है। मामला सुप्रीम कोर्ट में है। अगली सुनवाई 23 अगस्त को होनी है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनीप तिवारी पर रांची पुलिस रेप का केस दर्ज करती है और राजनीति गरमा गई।

रांची। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाये हैं। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि पुलिस टूल्स के तौर पर काम करने लगी है। अपने सलाहकार सुनील तिवारी के खिलाफ अरगोड़ा थाना में दर्ज केस पर सवाल उठाते हुए कहा कि सोची समझी साजिश के तहत यह सब किया गया है। यह षडयंत्र है। उन पर गंभीर आरोप लगाये गये हैं। पूरे मामले की न्यायिक और निष्पक्ष जांच की जाये।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि दिसंबर 2020 में मुंबई हाइकोर्ट में एक लड़की ने उसके साथ घटित एक मामले में सीबीआई जांच के लिये केस दायर किया। कहा था कि 2013 में उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। हेमंत सोरेन का नाम इसमें लिया गया। इसके कुछ दिनों बाद एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें लड़की ने कहा कि अगर उसे कुछ होता है तो बाबूलाल मरांडी, सांसद निशिकांत दुबे, सुनील तिवारी और मुंबई के एक व्यक्ति के जिम्मेवार होने का बात कही। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस वीडियो का वायरल होना गंभीर मसला लगा। चूंकि वे और निशिकांत तो लड़की से ना तो कभी मिले, ना ही उसे जानते हैं। पर सुनील तिवारी से उसका परिचय था सो उनका नाम सामने आने पर उन्हें कहा कि मामला हाईकोर्ट में है। ऐसे में इस तरह की बात सामने आने पर वे इंटरवेनर बनें।
मुंबई पुलिस को भी इस गंभीर षडयंत्र और इसकी जांच के लिए पत्र लिखा गया। लड़की को सुरक्षा दिये जाने का भी आग्रह किया। हाईकोर्ट में केस दायर करने के बाद भी मामले में कोई प्रगति नहीं होता देख सुनील तिवारी सुप्रीम कोर्ट गये। इसका मकसद यह था कि सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट को जरूरी निर्देश दे।
सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किये जाने के बाद से कई लोग सुनील तिवारी को फोन पर या उनके कडरू, रांची स्थित घर पर आकर धमकी दे चुके हैं। इस केस से बाहर रहने को कहा है। आने वाले समय में ऐसे लोगों के नाम सार्वजनिक किये जायेंगे।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 15 अगस्त को पुलिस ने अनगड़ा से दो बच्चों को उनके घर से उठा लिया। एक बच्ची जो सुनील तिवारी के यहां रहकर घरेलू माहौल में पढ़ाई कर रही थी और एक बच्चे को भी थाना में लाकर 2-3 बजे रात तक रखा गया। परिजनों को नहीं बताया गया कि वे बच्चों को कहां और क्यों लेकर जा रहे हैं.
इस मामले में उन्होंने पुलिस और अन्य वरीय अधिकारियों से पूछा पर किसी ने कुछ नहीं बताया। केवल इतना बताया गया कि इस काम के लिये ऊपर से निर्देश है। बाद में पता लगा कि बच्ची से अरगोड़ा थाना में सुनील तिवारी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। इस मामले की निष्पक्ष जांच हो। न्यायिक अधिकारी या सीबीआइ को लिखा जाये। वे राज्यपाल से भी इस मसले पर मिलकर बात करेंगे।