किसानों के मुद्दे पर होगा नगर निकाय चुनाव

चंडीगढ़। यह संभवतः पहली बार होगा कि नगर निकाय चुनाव में मुख्य मुद्दा किसान का छाया रहेगा। अब तक के चुनाव में लोग इस चुनाव में अपनी मूलभूत समस्याओं को लेकर बात करते आ रहे थे, लेकिन इस बार चुनाव किसानों की बात पर हो रहा है। ऐसा इसलिए कि दिल्ली की सीमाओं पर हरियाणा और पंजाब के किसान बीते महीने भर से धरना दिए हुए हैं। केंद्र सरकार की ओर से उनकी मांगों को नहीं माना गया है। और तो और, केंद्र में और राज्य में भाजपा सत्ता मेें है। इसलिए विपक्षी दलों ने इसे ही मुख्य मुद्दा बनाया हुआ है।

बता दें कि हरियाणा में नगर निकाय चुनाव के लिए 25 दिसंबर शुक्रवार को प्रचार समाप्त हो गया। मतदान रविवार यानी 27 दिसंबर को होना है। माना जा रहा है कि यह निकाय चुनाव भाजपा-जजपा गठबंधन और कांग्रेस के बीच सीधे तौर पर हो रही है। सत्तारूढ़ गठबंधन ने जहां विकास का मुद्दा उठाया है, वहीं कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान किसानों, कर्मचारियों और कानून व्यवस्था से जुड़े कई मुद्दों पर गठबंधन को निशाना बनाया।

गौर करने लायक यह भी है कि इस महीने की शुरुआत में, इनेलो ने केंद्र और राज्य की भाजपा-जजपा सरकार द्वारा किसानों पर कथित ‘अत्याचार’ के विरोध में नगर निगम चुनावों के बहिष्कार की घोषणा की थी। यह चुनाव अंबाला, पंचकूला और सोनीपत नगर निगमों, रेवाड़ी नगरपालिका परिषद और रोहतक में सांपला, रेवाड़ी में धारूहेड़ा और हिसार जिले में उकलाना नगरपालिका समितियों के लिए होने हैं।

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। मतदान केंद्रों और संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। चुनाव नतीजे 30 दिसंबर को आएंगे। उस दिन ही पता चलेगा कि इस निकाय चुनाव को किसानों ने कितना प्रभावित किया है।