क्यों किसानों को मनाने के लिए आगे आए राजनाथ सिंह ?

नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। महीना भर हो गए, लेकिन किसान झुकने को तैयार नहीं हैं। अब तो किसान संगठन के प्रतिनिधि भारत सरकार के अधिकारी अथवा मंत्रियों से मिलने को भी तैयार नहीं है। इसी बीच खबर आई है कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह किसानों को मनाने में जुटे हैं। आज एक कार्यक्रम में द्वारका में उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि किसानों को कानून लाभकारी नहीं लगते तो सरकार उनमें संशोधन करेगी।रक्षा मंत्री ने कहा कि वह स्वयं किसान के बेटे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि मोदी सरकार कभी ऐसा कुछ नहीं करेगी जो किसानों के हित में नहीं हो।

असल में, अब तक केंद्रीय कृषि मंत्री नरेश तोमर और केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल किसानों से बातचीत कर रहे थे। पार्टी कार्यालय और मीडिया के माध्यम से केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद किसानों को समझाने का प्रयास कर रहे थे। बावजूद इसके किसानों को उन पर भरोसा नहीं हुआ। पार्टी संगठन के स्तर पर कई नेताओं का मानना है कि भाजपा अध्यक्ष रहते हुए राजनाथ सिंह का संगठन पर काफी प्रभाव पडा। हिन्दी प्रदेश में उनकी बातों को लोग गंभीरता से लेते हैं। इसलिए सरकार और संगठन की ओर से कहा जा रहा है कि यदि ये किसानों से बात करने के लिए आते हैं, तो आंदोलन खत्म हो सकता है।

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी के द्वारका में एक रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर ये कानून लाभकारी नहीं लगते तो सरकार सभी जरूरी संशोधन इनमें लाएगी। उन्होंने कहा कि हर समस्या का समाधान बातचीत से निकल सकता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों से बातचीत जारी रखने के पक्ष में हैं, इसलिए सरकार ने उन्हें न्योता भेजा है। सिंह ने कहा, ‘‘अभी एक या दो साल के लिए कृषि कानूनों को लागू करने दिया जाए। इसे प्रयोग के तौर पर देखते हैं और यदि ये किसानों के लिए लाभकारी नहीं लगते तो सरकार हरसंभव संशोधन को तैयार रहेगी।’’सिंह ने सभी आंदोलनकारी किसानों से कृषि कानूनों पर बातचीत के लिए आगे आने की अपील की।