प्रधानमंत्री ने दिल्ली में भगवान महावीर वनस्थली उद्यान में एक पौधा लगाया

नई दिल्ली। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वृक्षारोपण अभियान में भाग लिया और दिल्ली के भगवान महावीर वनस्थली उद्यान में एक पौधा लगाकर ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल को आगे बढ़ाते हुए इस अभियान को और व्यापक बनाने का संकल्प लिया। श्री मोदी ने अरावली ग्रीन वॉल परियोजना के अंतर्गत अरावली पर्वत श्रृंखला में पुनः वनरोपण के महत्व का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व की सबसे प्राचीन पर्वतमालाओं में से एक अरावली पर्वतमाला गुजरात, राजस्थान, हरियाणा से लेकर दिल्ली तक फैली है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र अनेक पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहा है और इनके समाधान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

श्री मोदी ने कहा कि अरावली पर्वतमाला और उसके बाहर, पारंपरिक पौधरोपण विधियों के अलावा, हम नई तकनीकों को प्रोत्साहित करेंगे, विशेष रूप से शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में जहां जगह की कमी है। श्री मोदी ने कहा कि पौधरोपण गतिविधियों को जियो-टैग किया जाएगा और मेरी लाइफ पोर्टल पर उनकी निगरानी की जाएगी। प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं से इस आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने और पृथ्वी के हरित आवरण को बढ़ाने में योगदान देने का आग्रह भी किया।

एक्स पर अपने पोस्ट की एक श्रृंखला में प्रधानमंत्री ने कहा;

“आज, विश्व पर्यावरण दिवस पर, हमने एक विशेष वृक्षारोपण अभियान के साथ एक पेड़ मां के नाम पहल को मजबूत किया। मैंने दिल्ली के भगवान महावीर वनस्थली उद्यान में एक पौधा लगाया। यह अरावली पर्वतमाला को फिर से वनीकरण करने के हमारे प्रयास- अरावली ग्रीन वॉल परियोजना का एक हिस्सा भी है।”

“यह सर्वविदित है कि अरावली पर्वत श्रृंखला हमारी पृथ्वी पर सबसे पुरानी पर्वतमालाओं में से एक है, जिसमें गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली शामिल हैं। पिछले कई वर्षों में इस पर्वतमाला से संबंधित कई पर्यावरणीय चुनौतियाँ सामने आई हैं, जिन्हें कम करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। हमारा ध्यान इस पर्वतमाला से जुड़े क्षेत्रों का कायाकल्प करने पर है। हम संबंधित स्थानीय प्रशासनों के साथ मिलकर कार्य करने जा रहे हैं और इसके अंतर्गत जल प्रणालियों में सुधार, धूल भरी आंधियों पर अंकुश लगाने, थार रेगिस्तान के पूर्व की ओर विस्तार को रोकने आदि जैसी मुद्दों पर बल देने जा रहे हैं।”

“अरावली पर्वतमाला और उसके बाहर, पारंपरिक पौधरोपण विधियों के अलावा, हम नई तकनीकों को प्रोत्साहित करेंगे, विशेष रूप से शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, जहां जगह की कमी है। पौधरोपण गतिविधियों को जियो-टैग किया जाएगा और मेरी लाइफ पोर्टल पर उनकी निगरानी की जाएगी। मैं अपने देश के युवाओं से इस आंदोलन में भाग लेने और हमारी पृथ्वी के हरित आवरण में योगदान देने का आह्वान करता हूं।”