नफे सिंह राठी राजनीति और रंजिश के शिकार ?

नफे सिंह राठी दो बार विधायक रह चुके थे और दो साल पहले ही इन्हें इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गयी थी ।

नई दिल्ली। इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष नफे सिंह राठी को कल राम राम करने के बहाने राम नाम सत्य कर दिया गया और जब यह खबर वायरल हुई तब हरियाणा में बवंडर मच गया । नफे सिंह राठी दो बार विधायक रह चुके थे और दो साल पहले ही इन्हें इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गयी थी । इस कांड में नफे सिंह राठी के साथ एक कार्यकर्त्ता को भी जान गंवानी पड़ी । इस कांड को बहादुरगढ़ के बराही रेलवे फाटक के पास अंजाम दिया गया और बुरी तरह गोलियों की वर्षा की गयी यानी बचने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी गयी । यह कहा जा रहा है कि राठी ने सरकार से सुरक्षा की मांग की थी, जो नहीं मिल सकी । नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि विधायकों को पहले भी धमकियाँ मिलर चुकी हैं और केंद्र की रिपोर्ट भी इसकी गवाही देती हैं । दूसरी और इनेलो विधायक अभय चौटाला ने इस कांड की सीबीआई जांच करवाये जाने की मांग की है‌ । मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृहमंत्री अनिल विज का कहना है कि अपराधी बख्शे नहीं जायेंगे । ऊपर से विधानसभा सत्र चल रहा है, जिससे यह मामला विपक्ष हर हाल में उठायेगा और इसकी गूंज विधानसभा में सुनी जायेगी । वैसे इस कांड के पीछे पूर्व मंत्री मांगेराम राठी के बेटे जगदीश नम्बरदार के 26 दिसम्बर, 2022 के सोशल मीडिया पर पोस्ट एक ऑडियो को बड़ी वजह माना जा रहा है इसमें नफे सिंह राठी, उनके भांजे सोनू समेत कई लोगों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया था । इसके बाद जनवरी, 2023 को जगदीश ने आत्महत्या कर ली थी । जगदीश के बेटे गौरव की शिकायत पर नफे सिंह राठी सहित छह लोगों पर केस दर्ज हुआ था । इस तरह ऐसा लगता है कि यह मामला कानून व्यवस्था से ज्यादा आपसी रंजिश और राजनीति से जुड़ा हुआ है। ‌फिर भी कानून व्यवस्था पर भी सवाल तो विपक्ष उठायेगा ही !
देखिए, क्या परिणाम निकलता है !