पटना। नीतीश कुमार का अध्ययन IIM वालों को करना चाहिए कि कम पूँजी में कैसे मैक्सिमम लाभ लें और कैसे बड़ी शक्तियों व आकार में बड़े दुश्मनों के हमलों और सर्जिकल स्ट्राइकों से इजरायल और ताइवान की तरह बचते भी रहें। देखा जाए तो वे एक ही साथ पॉलिटिकल, कॉरपोरेट और डिफेंस स्टडीज के मुख्य विषय जैसे हैं।
बंदे को नोबेल प्राइज नहीं तो भारत रत्न तो मिलना ही चाहिए।
उन्होंने इतने मीठे अंदाज में गठबंधन तोड़ा है, जितना पुराने जमाने में ससुर-दामाद का राजदूत मोटरसाइकिल के लिए मतभेद होता था।
यानी एक खिड़की खुली हुई है कि तेजस्वी ने ज्यादा दबाया तो वे फिर से इधर आएँगे।
बिहार की जनता को उनकी जीत के लिए बधाई..आखिरकार बुराई पर अच्छाई की विजय हुई…चलो अब सच की ताकत से विकास की नई गाथा लिखी जाये…जय बिहार,जय राजद pic.twitter.com/VzCDLZd05z
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) August 9, 2022
वे सिर्फ 71 के हैं और मोटामोटी स्वस्थ हैं। पाँच साल तो जरूर खेलेंगे। जिस हिसाब से विपक्ष में औने-पौने लोग पीएम पद के लिए कूद रहे हैं, उसमें सबसे स्मार्ट दावेदार तो वे हैं ही।
वैसे भी नीतीश कुमार ब्लू चिप स्टॉक्स की तरह नहीं हैं, वे मुचुअल फंड की तरह विविध निवेशी हैं। विशाल हृदय। सबको अपनाते हैं।
फेसबुकिया मित्रों को सीखना चाहिए। झगड़ा करो, लेकिन मीठे तरीके से। तू-तड़ाक और गालीगलौज मत करो। क्या पता कब किसी एनडीटीवी वाले को जी न्यूज में नौकरी करनी पड़ जाए।