यूं ही नहीं ट्विटर पर दिल्ली पुलिस की हुई आंखें टेढी

भारत सरकार ने ट्विटर को जुर्माने और सात साल तक की जेल की चेतावनी दी थी। तब सरकार के कहने पर 250 से ज्यादा सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं, एक फिल्म स्टार, और खोजी पत्रिका कैरावन के ट्विटर अकाउंट ब्लॉक कर दिए थे।

नई दिल्ली। लोगों के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सबसे अधिक वकालत करती है ट्विटर। लेकिन, जब दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने उसके खिलाफ कार्रवाई की, तो किसी ने चूं तक नहीं की। आखिर क्यों ? आखिर क्या कारण रहे कि ट्विटर को पुलिसिया कार्रवाई का सामना करना पडा ? लोगों के जेहन में यह सवाल बार-बार कौंध रहा है।

आइए, हम इसे समझने और आपको बताने की कोशिश करते हैं। प्राप्त सूचना के अनुसार, ट्विटर और भारत सरकार के बीच तनाव नया नहीं है। बल्कि ऐसा कहा जा सकता है कि कई महीनों से यह तनाव धीरे धीरे बढ़ रहा है। एक से ज्यादा बार भारत सरकार ट्विटर से कई ट्वीट हटाने को कह चुकी है। पिछले महीने से भारत सरकार ने ट्विटर से ऐसे दर्जनों ट्वीट हटाने को कहा था जिनमें कथित तौर पर इसकी आलोचना की गई थी।

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने ट्विटर के गुरुग्राम और दिल्ली स्थित दफ्तरों पर दस्तक दी। ट्विटर द्वारा भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा के एक ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ यानी ऐसी बात घोषित किया था जिसमें तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है। कई बीजेपी नेताओं ने कुछ दस्तावेजों को कांग्रेस पार्टी की ‘टूल किट’ बताते हुए सोशल मीडिया पर साझा किया था और दावा किया था कि पार्टी मोदी सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रही है। कांग्रेस ने इस बारे में ट्विटर से शिकायत की थी और दावा किया था कि ये दस्तावेज फर्जी हैं। इसके बाद ट्विटर ने इस पोस्ट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ के रूप में टैग कर दिया था।

दरअसल, ट्विटर का कहना है कि वह ऐसे वीडियो, ऑडियो और तस्वीरों समेत किसी भी पोस्ट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ के रूप में टैग करता है, जिनके साथ छेड़छाड़ की गई है और तथ्यों को तोड़ा मरोड़ा गया हो। हालांकि मौजूदा मसले पर ट्विटर ने कोई टिप्पणी नहीं की है।

सरकार की ट्विटर पर ताजा कार्रवाई को लेकर कई हल्कों में आलोचना हो रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार दुनियाभर में देश का नाम खराब कर रही है। उन्होंने लिखा, “सत्ता की खातिर चुनाव प्रचार और महामारी संभालने में आपराधिक लापरवाही के जरिए ब्रैंड इंडिया को दुनिया के सामने खराब करने के बाद सरकार अब ट्विटर इंडिया पर छापे मारकर अपना मुंह काला कर रही है। यह शर्मनाक है।”