COVID19 Update : संभलना होगा लोगों को, फिर से बढ़ रहा है कोरोना

सार्वजनिक परिवहन में लोग आने जाने में किसी प्रकार के नियमों का पालन करते नहीं दिख रहे हैं। राजधानी दिल्ली में सरकारी बसों में एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था है, लेकिन जब लोग चार्टर बसों में जाते हैं, तो वहां किसी प्रकार के नियमों का पालन नहीं होता है।

नई दिल्ली। कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण में कमी देखी गई, तो लोगों ने घरों से निकलना पहले की तरह शुरू कर दिया। बेपरवाह होकर घूमने चल पड़े। अब फिर से कोरोना संक्रमण में वृद्धि दर्ज की जा रही है। केंद्रीय स्वावस्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत में #COVID19 के 41,806 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 3,09,87,880 हुई। 581 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 4,11,989 हो गई है। 39,130 नए डिस्चार्ज के बाद कुल डिस्चार्ज की संख्या 3,01,43,850 हुई। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 4,32,041 है।

बता दें कि देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस की 34,97,058 वैक्सीन लगाई गईं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 39,13,40,491 हुआ। देश में कोरोना वायरस का रिकवरी रेट बढ़कर 97.28% हुआ। दैनिक पॉजिटिविटी रेट 2.15% है। भारत में कल कोरोना वायरस के लिए 19,43,488 सैंपल टेस्ट किए गए, कल तक कुल 43,80,11,958 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं।

आज की तारीख में सबसे बड़ी चिंता लोगों में यह है कि क्या कोरोना की तीसरी लहर आएगी ? क्या डेल्टा प्लस वैरिएंट हमें भी अपनी चपेट में लेगा ? क्या कोरोना की तीसरी लहर से हमारे बच्चे और अपने सुरिक्षत रहेंगे ? हर कोई आपसी बातचीत में यही सवाल एक दूसरे से कर रहा है और कोरोना की तीसरी लहर को समझने की कोशिश कर रहा है।
चिंता की बात है कि जो लोग ऐसी चिंता जाहिर कर रहे हैं, उनमें से अधिकतर लोग कोरोना के लिए जारी स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। दूसरी लहर का असर खत्म हुआ और लोग पर्यटन के लिए निकल पड़े। पहाड़ी प्रदेशों में बीते कुछ दिनों से खूब पर्यटकों की भीड़ दिखाई दे रही है। वहां कोरोना नियमों की अनदेखी की जा रही है। तभी तो स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसको लेकर चिंता जताई है।
सरकार की ओर से कोविड वैक्सीन की उपलब्धता कराई जा रही है। दुर्गम से दुर्गम इलाकों में स्वास्थ्यकर्मी जाकर लोगों को वैक्सीन लगा रहे हैं। पहाड़, नदी-नाले को पार करके कई किलोमीटर की पैदल यात्रा तक करते हैं। प्रखंड स्तर तक के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।