नई दिल्ली। डोर मैनर्स से तहज़ीब झलकती है। इसका पालन करें। इससे आपकी पर्सनैल्टि निखरेगी। अब अगली बार यह नहीं कहें कि हम डोर नहीं खोलेंगे या डोर खोलना हमारा काम नहीं है। दरवाज़ा खोलने व बद करके के बहुम से कायदे आपको अननाने चाहिए। इन छोटी-छोटी चीज़ों से आपकी पर्सनैल्टि डिफाइन होती है। जहां तक हो सके पर्सनैल्टि को डिफाइन करने के लिए कोई चूक नहीं करें। अपनाएं डोर मैनर्स के कुछ जरूरी कायदे।
- यदि आप पहले पहुंचते हैं और देखते हैं कि पीछे कोई महिला आ रही है तो उसके लिए दरवाज़ा हैंडल पकड़े रखें और खोले रखें।
- पहले यदि महिला दरवाज़ा खोलती है, तो आप दरवाज़े का बाहर की तरफ से हैंडल पकड़ लें।
- जब महिला दूसरे दरवाज़े को खोले तब उसकी मदद करें उसे खोलने में।
- आप लिफ्ट में जा रहे हैं और महिलाएं (परिचित या अपरिचित) भी हैं। ऐसे में महिलाओं को पहले लिफ्ट में जाने दें। फिर आप जाएं।
- यदि महिला ने दरवाज़ा खोलने के लिए मना कर दिया है, तो आप जबरदस्ती नहीं करें।
- लिफ्ट में चढ़ने, उतरने में हर महिला का सम्मान करें। शेष डोर मैनर्स हर महिला के लिए अपनाना लाज़िमी नहीं।
- विकलांग व्यक्ति या वृद्ध व्यक्ति के लिए हमेशा दरवाजा खुला रखें, भले ही वे पुरुष हों या महिला।
- अगर कोई आपके लिए एक दरवाजा खोलता है, तो हमेशा मुस्कुराएं और कहें धन्यवाद।
- पहले दरवाज़ा खोलने को दौड़ नहीं बनाएं। यदि आपसे पहले महिला पहुंचकर दरवाज़ा खोल रही है तो खोलने दें।
- यदि पुश-पुल वाला दरवाज़ा है, तो महिला के लिए हैंडल पकड़ लें।
- यदि आप मीटिंग या पार्टी के मेज़बान हैं, तो लंच/डिनर के बाद मेहमानों को दरवाज़े तक छोड़ने जरूर जाएं।
- दरवाज़े में प्रवेश करते समय देख लें कि कोई पीछे तो नहीं आ रहा। ऐसा है तो दरवाज़ा खुला रखें। यदि मुमकिन हो तो दरवाज़े का हैंडल पकड़ें रखें।