PM Modi : लोकतंत्र को सरकार का स्वाभाव बताया पीएम मोदी ने

मेरा एक विचार ‘वन नेशन वन लेजिस्लेटिव प्लेटफार्म’ का है। एक ऐसा पोर्टल जो न केवल हमारी संसदीय व्यवस्था को जरूरी तकनीकी बढ़ावा दे, बल्कि देश की सभी लोकतांत्रिक इकाइयों को जोड़ने का भी काम करे।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा एक विचार ‘वन नेशन वन लेजिस्लेटिव प्लेटफॉर्म’ का है। एक ऐसा पोर्टल जो न केवल हमारी संसदीय व्यवस्था को ज़रूरी तकनीकी बढ़ावा दे, बल्कि देश की सभी लोकतान्त्रिक इकाइयों को जोड़ने का भी काम करे। नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र भारत के लिए महज सरकार चलाने की व्यवस्था नहीं बल्कि स्वभाव है। हमारा देश विविधताओं से भरा है। अपनी हज़ारों वर्ष की विकास यात्रा में हम इस बात को अंगीकृत कर चुके हैं कि विविधता के बीच भी, एकता की भव्य और दिव्य अखंड धारा बहती है। एकता की यही अखंड धारा, हमारी विविधता को संजोती है, उसका संरक्षण करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पीठासीन पदाधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (एआईपीओसी) का यह 82वां संस्करण है। पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 17 नवंबर और 18 नवंबर को होने जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये सम्मेलन हर साल कुछ नए विमर्शों और नए संकल्पों के साथ होती है। हर साल इस मंथन से कुछ न कुछ अमृत निकलता है… आज इस परंपरा को 100 साल हो रहे हैं ये भारत के लोकतांत्रिक विस्तार का प्रतिक है। हमें आने वाले वर्षों में, देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है, असाधारण लक्ष्य हासिल करने हैं। ये संकल्प ‘सबके प्रयास’ से ही पूरे होंगे और लोकतन्त्र में, भारत की संघीय व्यवस्था में जब हम ‘सबका प्रयास’ की बात करते हैं तो सभी राज्यों की भूमिका उसका बड़ा आधार होती है।

82वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आज विधानमंडलों के सामने ज्वलंत विषयों पर चर्चा और संवाद के माध्यम से देश के सामने सर्वमान्य समाधान प्रस्तुत करने की ज़िम्मेदारी है, जिससे लोकतांत्रिक परंपरा मज़बूत और विकसित हो।