नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब ज्ञान-विज्ञान से हमारा परिचय होता है तब संसार की सभी संकटों से मुक्ति का रास्ता अपने आप खुल जाता है। समाधान और नवाचार का आधार विज्ञान ही है। इसी प्रेरणा से आज का नया भारत, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ ही जय अनुसंधान का आह्वान करते हुए आगे बढ़ रहा है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर हम पिछली शताब्दी के शुरुआती दशकों को याद करें तो पाते हैं कि दुनिया में किस तरह तबाही और त्रासदी का दौर चल रहा था। लेकिन उस दौर में भी बात चाहे पूर्व की हो या पश्चिम की, हर जगह के वैज्ञानिक अपनी महान खोज में लगे हुए थे। इस अमृतकाल में भारत को रिसर्च और इनोवेशन का ग्लोबल सेंटर बनाने के लिए हमें एक साथ अनेक मोर्चों पर काम करना है। अपनी साइंस और टेक्नॉलॉजी से जुड़ी रिसर्च को हमें लोकल स्तर पर लेकर जाना है। पश्चिम में आइंस्टाइन, फर्मी, मैक्स प्लांक, नील्स बोर, टेस्ला जैसे वैज्ञानिक अपने प्रयोगों से दुनिया को चौंका रहे थे। उसी दौर में सीवी रमन, जगदीश चंद्र बोस, सत्येंद्रनाथ बोस, मेघनाद साहा, एस चंद्रशेखर समेत कई वैज्ञानिक अपनी नई-नई खोज सामने ला रहे थे।
Addressing the Centre-State Science Conclave. https://t.co/Go0yE7vI8n
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2022
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हमारी सरकार विज्ञान आधारित विकास की सोच के साथ काम कर रही है। 2014 के बाद से साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निवेश में काफी वृद्धि की गई है। सरकार के प्रयासों से आज भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक में 46वें स्थान पर है, जबकि 2015 में भारत 81 नंबर पर था। नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकारों को ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक संस्थानों के निर्माण पर और प्रक्रियाओं को सरल करने पर बल देना चाहिए। राज्यों में जो उच्च शिक्षा के संस्थान हैं, उनमें नवाचार प्रयोगशालाओं की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए।