कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का कहना है कि हम प्रयास कर रहे हैं। वे हमें चर्चा नहीं करने दे रहे हैं। हमने कहा कि उनके मंत्री इसमें शामिल हैं, इसपर चर्चा तो होनी चाहिए। लेकिन वे चर्चा नहीं करने दे रहे। मैंने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना एक साज़िश है। सब जानते हैं कि घटना के पीछे कौन और किसका बेटा था। लेकिन सरकार सच को स्वीकारना नहीं चाहती है। हम चाहते हैं कि वे (अजय मिश्र टेनी) अपने मंत्रीपद से इस्तीफा दें। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सदन में इसपर चर्चा हो। सरकार सदन में कोई चर्चा नहीं करना चाहती। जिस तरह सबने सरकार पर दबाव बनाकर किसान क़ानून वापस करवाएं हैं वैसे ही हम सरकार पर दबाव बनाएंगे तो सरकार कोई निर्णय लेगी।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि हम ये कह रहे थे कि लखीमपुर खीरी की घटना प्लान की गई थी। अब जब SIT ने अपनी रिपॉर्ट दी है तो संवैधानिक नैतिकता के आधार पर PM उन्हें (अजय मिश्र को) मंत्रीपद से हटाए। मुझे यकीन है कि PM उसे बर्ख़ास्त नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें चुनाव में वोट लेना है।
विपक्ष द्वारा संसद में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले पर चर्चा की मांग पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि मुझे लगता है ये बेबुनियाद विषय है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई चल रही है। सबजूडिस(न्यायाधीन) मामले पर चर्चा नहीं होती है, ये संसद का नियम है। विपक्षी दल राज्यसभा की कार्यवाही को चलने नहीं दे रहे हैं। बार-बार कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। आज लोकसभा में महंगाई और राज्यसभा में ओमिक्रोन को लेकर चर्चा होना निर्धारित था, लेकिन विपक्ष का रवैया देखकर लग रहा है कि उनके पास कोई मुद्दा नहीं है।
दूसरी ओर, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र में ऑक्सिजन प्लांट का उद्घाटन करने पहुंचे थे। कार्यक्रम के बाद पत्रकारों ने लखीमपुर खीरी कांड पर एसआईटी जांच को लेकर सवाल पूछा तो अजय मिश्रा भड़क गए। उन्होंने पत्रकारों से न सिर्फ बदसलूकी की, बल्कि उन्हें गालियां भी दीं। मंत्री ने सवाल पूछने वाले पत्रकार को धक्का भी दिया। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की इस हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।