संसद के मानसून सत्र से पहले सियासी बैठकों का दौर जारी, मुद्दों को लेकर मंथन

महंगाई, कोरोना और जनहित के मुद्दों को लेकर विपक्षी नेता सत्ता पक्ष से सवाल करेंगे। संसदीय कार्यमंत्री सर्वदलीय बैठक में सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस और किसान नेता अपनी रणनीति बना रहे हैं।

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र कल यानी सोमवार को शुरू हो रहा है। कोराना काल में यह सत्र तमाम कोविड नियमों के तहत होगा। सांसदों के लिए कई स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है। रविवार को संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद सिंह जोशी तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं से बैठक करके सत्र को सुचारू ढंग से चलाने की अपील कर रहे हैं।

इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक के लिए संसद पहुंचे।

दूसरी ओर, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी तमाम सांसदों के साथ बैठक में पार्टी को एकसाथ आवाज बुलंद करने का मंत्र दी। साथ ही इस बैठक में कांग्रेस ने अपनी अंदरूनी राजनीति को लेकर भी चर्चा की। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पंजाब की उलझी हुई राजनीति को लेकर भी इस बैठक में चर्चा हुई। गौर करने योग्य यह भी है कि 15 जुलाई को ही कांग्रेस की ओर से एक औपचारिक पत्र भी जारी कर दिया गया है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ही बने रहेंगे। उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस कोरोना के दौर में कोविड वैक्सीनेशन की कमी और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश करेगी।

इसबीच किसान आंदोलन का साया भी संसद के मानसून सत्र पर पड़ने के आसार हैं। विपक्षी दल किसानों का मुद्दा भी संसद में उठाएंगे। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की ओर से कहा गया है कि आज दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक है, बैठक में 22 जुलाई के कार्यक्रम की चर्चा होगी। 22 जुलाई को हमारे 200 लोग संसद जाएंगे। हमने विपक्ष के लोगों से भी कहा है कि वो अपनी बात सदन में उठाएं।