नई दिल्ली। संसद में आज दिल्ली को लेकर अध्यादेश बिल पेश होने की उम्मीद है। बीते कुछ दिनों से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्र सरकार के बीच इसको लेकर बयानों का दौर जारी है। अरविंद केजरीवाल इस अध्यादेश का विरोध करने के लिए कांग्रेस पार्टी से सशर्त बात कर चुके हैं। इसके बीच कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि यह बिल पास भी होना चाहिए। दिल्ली का जो दर्जा है उस हिसाब से इस बिल को पास होना चाहिए, जिसमें कोई गलत बात नहीं है। अगर दिल्ली को शक्ति देनी है तो उसे पूरा राज्य बनाएं। यह अध्यादेश उन्हीं शक्तियों का बंटवारा उसी तरह कर रहा है जो दिल्ली की संवैधानिक संशोधन और दिल्ली अधिनियम की मूलभावनाओं में था। इसलिए इस बिल का विरोध करना गलत है।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित के बयान की सराहना करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि मैंने संदीप दीक्षित के बयान की सराहना की है। ऐसी चीजों में राजनीति से ऊपर उठकर सोचना चाहिए। मैंने ट्वीट करके उन्हें बधाई दी है।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि दिल्ली अध्यादेश बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा और हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
इससे पहले आज लोकसभा में पेश किए जाने वाले एनसीटी दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक पर AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि यह दिल्ली में लोकतंत्र को ‘बाबूशाही’ में बदल देगा। दिल्ली सरकार की सभी शक्तियां छीनकर भाजपा द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल को देने का प्रयास किया जा रहा है। ये बिल देश के लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है… ये इसलिए किया क्योंकि भाजपा से आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की सफलता देखी नहीं जा रही।
एनसीटी दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक पर शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हम सभी इसका विरोध करेंगे क्योंकि आज यह दिल्ली में हो रहा है, कल यह आंध्र प्रदेश, तेलंगाना या ओडिशा में हो सकता है। यह असंवैधानिक, अनैतिक, अलोकतांत्रिक अध्यादेश है। इसका सभी को विरोध करना चाहिए।