नई दिल्ली। कल के शिखर सम्मेलन को पीएम मोदी संबोधित करेंगे। इसमें उच्च स्तरीय हिस्से को जर्मनी, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, जापान, कनाडा सहित कई राष्ट्राध्यक्षों द्वारा भी संबोधित किया जाएगा। अभी बीते दिनों भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने आनलाइन माध्यम से हुई बैठक में क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के आधार पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी।
हाल ही में आस्ट्रेलिया में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक होने वाली है। गौर करने वाली बात है कि ये बैठकें तब हो रही हैं जब हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर वैश्विक शक्तियों के बीच जबरदस्त रार छिड़ गई है। दरअसल दक्षिण चीन सागर से लेकर हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए दुनिया एकजुट होने लगी है। अमेरिका स्पष्ट कर चुका है कि वह इस क्षेत्र में शांति व समृद्धि के लिए अपने सहयोगियों के साथ अडिग रूप से खड़ा है।