नई दिल्ली। केंद्रीय आम बजट को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई। बजट पेश होने के बाद जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे आम आदमी और किसान-गांव का बजट बताया, तो विपक्षी दलों ने इसे सीधेतौर पर खारिज किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बजट पेश किए जाने के बाद प्रधानमंत्री ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि वर्ष 2021 का बजट असाधारण परिस्थितियों के बीच पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें यथार्थ का एहसास भी और विकास का विश्वास भी है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट में देश में कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए और किसानों की आय बढ़ाने के लिए बहुत जोर दिया गया है। किसानों को आसानी से और ज्यादा ऋण मिल सकेगा। देश की मंडियों को और मजबूत करने के लिए प्रावधान किया गया है। ये सब निर्णय दिखाते हैं कि इस बजट के दिल में गांव हैं, हमारे किसान हैं।’’
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किए जाने के बाद आरोप लगाया कि सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को ‘अपने पूंजीपति मित्रों’ को सौंपने की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सरकार लोगों के हाथों में पैसे देने के बारे में भूल गई। मोदी सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने की है।’’ कांग्रेस नेता ने बजट पेश किए जाने से पहले कहा था कि बजट में छोटे एवं मझोले कारोबारियों की मदद करने के साथ स्वास्थ्य और रक्षा खर्च में बढ़ोतरी किए जाने की जरूरत है ।
Forget putting cash in the hands of people, Modi Govt plans to handover India’s assets to his crony capitalist friends.#Budget2021
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2021
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बजट की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी और राजस्व संग्रहण में दिक्कतों के बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा संतुलित बजट पेश किया गया, यह स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं एक संतुलित बजट प्रस्तुत करने के लिये केन्द्र सरकार को बधाई देता हूं।’’आम बजट (वर्ष 2021-22) के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिये 34.8 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है, जो वर्ष 2020-21 के अनुमानित बजटीय खर्च 30.42 लाख करोड़ रूपये से अधिक है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रस्तुत केंद्रीय बजट को ‘जन-विरोधी’ करार देते हुए आरोप लगाया कि यह जनता को छलने वाला बजट है और राष्ट्रवाद की बात करने वाली भाजपा देश के संसाधनों को निजी क्षेत्र के लोगों को बेच रही है। उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) राष्ट्रवाद पर दूसरों को भाषण देते हैं, लेकिन वास्तव में वे ही देश को बेच रहे हैं। वे पीएसयू, बीमा, रेलवे और बंदरगाहों से लेकर सबकुछ बेच रहे हैं। यह जनता को छलने वाला बजट है। यह किसान विरोधी, जन विरोधी और देश विरोधी बजट है।