Political News, AAP के डॉ. सुशील गुप्ता कहते हैं- ज्योति नहीं, जज्बातों को बुझा दिया

राज्यसभा सांसद एवं हरियाणा सप्रभारी आम आदमी पार्टी डॉ सुशील गुप्ता के अनुसार इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाना अच्छा काम है, मगर केन्द्र का अमर जवान ज्योति को बुझा, इतिहास बदलने का प्रयास है। क्या केन्द्र सरकार दो जगह अमर जवानों के नाम ज्योति जला सकती थी?

चंडीगढ़। इंडिया गेट जिसे पहले भारतीय वॉर मैमोरियल कहा जाता था 90,000 सैनिकों को समर्पित है। जिन्होंने ब्रिटिश इंडिया आर्मी में1914-1921 के बीच शहादत दी। ब्रिटिश आर्मी के 13,300 सैनिक और अफसरों के नाम इंडिया गेट पर लिखे हुए हैं। 1972 में बांग्लादेशी स्वतंत्रता युद्ध के बाद इंडिया गेट के अंदर काले मार्बल पर उल्टी बंदूक और सैनिक की हेलमेट के साथ अमर जवान ज्योति का निर्माण हुआ और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा किया गया।

गुमनाम सैनिक को श्रद्धांजलि का प्रतीक अमर जवान ज्योति पिछले 50 वर्षों से लगातार जल रही थी। आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के एक सैनिक 24 घंटे अमर जवान ज्योति की निगरानी पर तैनात रहते थे। साधारण भारतीयों को अपने सैन्य बल के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बहुत ही भावात्मक स्थल रहा है।

AAP के राज्यसभा सांसद व हरियाणा सहप्रभारी डा सुशील गुप्ता का कहना है कि पिछले 50 वर्षों से जलती आ रही अमर जवान ज्योति को बुझा कर वॉर मेमोरियल की ईटरनल फ्लेम में मिला देना सरासर गलत है। अमर जवान ज्योति तो भारत के गुमनाम सैनिक की श्रद्धांजलि का प्रतीक है।

डॉ गुप्ता ने सवाल किया कि कौन सा देश है जो अपने वीर सिपाहियों के नाम दो ज्योति को ऊर्जा नहीं दे सकता? केन्द्र की भाजपा सरकार में भारत के इतिहास को बदलने की कोशिश की जा रही है और 2014 के पहले के राष्ट्रीय चिन्हों को खत्म करने का प्रयास हो रहा है।

हालांकि उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की इंडिया गेट पर प्रतिमा लगाए जाने के प्रसास को सरकार का एक अच्छा कदम बताया। लेकिन देश के इतिहास को बदलने के सरकार के प्रयास की निंदा भी की है।