100 दिन हुए दिल्ली सरकार के पूरे, अब बदले जाएंगे LG !

 

 

दिल्ली में रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के 100 दिन पूरे होने के साथ ही राजधानी के राजनीतिक गलियारों में एक और बड़े बदलाव की चर्चा जोरों पर है. सूत्रों के अनुसार, अब दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) को बदले जाने की तैयारी चल रही है. भाजपा सरकार ने 100 दिनों के भीतर प्रशासनिक सुधारों से लेकर जनहित योजनाओं तक कई मोर्चों पर काम किया है. अब सरकार की नजर दिल्ली की प्रशासनिक संरचना को और अधिक प्रभावी बनाने पर है. इसी क्रम में उपराज्यपाल के परिवर्तन की संभावना जताई जा रही है.

दिल्ली को जल्द ही एक नया उपराज्यपाल (LG) मिल सकता है. केंद्र सरकार राज्यपालों और उपराज्यपालों के पदों में बड़े फेरबदल पर विचार कर रही है. सूत्रों की मानें तो दिल्ली के वर्तमान उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना (V K Saxena) को जल्द ही जम्मू-कश्मीर या पश्चिम बंगाल भेजा जा सकता है, जबकि राजधानी में एक नया चेहरा उपराज्यपाल की जिम्मेदारी संभाल सकता है.

सूत्रों के अनुसार, केंद्र दिल्ली के नए एलजी के रूप में तीन नामों पर गंभीरता से विचार कर रहा है — अजय भल्ला, राजेश खुल्लर और सी.वी. आनंद बोस. इनमें से कोई एक नाम जल्द ही औपचारिक रूप से घोषित किया जा सकता है.

सरकार के 100 दिन और आगे की राह

रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) सरकार ने अपने 100 दिनों के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था, साफ-सफाई, महिलाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में कई अहम घोषणाएं की हैं. अब सरकार अगली योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने जा रही है, जिसमें दिल्ली के प्रशासनिक ढांचे को अधिक चुस्त-दुरुस्त करना भी शामिल है.

वी.के. सक्सेना का संभावित तबादला

मौजूदा उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, जिन्होंने कई विवादों और नीतिगत मतभेदों के बीच दिल्ली में अपनी भूमिका निभाई, को अब जम्मू-कश्मीर या पश्चिम बंगाल जैसे संवेदनशील और रणनीतिक क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी जा सकती है.

मनोज सिन्हा की नई भूमिका?

सूत्रों ने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर के वर्तमान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं, को भारतीय जनता पार्टी (BJP) संगठन में एक प्रमुख भूमिका में लाया जा सकता है. पार्टी 2029 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में संगठनात्मक बदलावों को गति दे रही है.

दिल्ली में बदलाव की जरूरत क्यों?

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली में भाजपा सरकार के गठन के बाद उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच बेहतर समन्वय आवश्यक हो गया है. ऐसे में एक ऐसा चेहरा जो प्रशासनिक अनुभव के साथ-साथ केंद्र के साथ तालमेल बनाए रख सके, उपराज्यपाल पद के लिए उपयुक्त होगा. यदि यह बदलाव होता है, तो यह न सिर्फ दिल्ली की राजनीतिक दिशा को प्रभावित करेगा, बल्कि देशभर में राज्यपालों और उपराज्यपालों के स्तर पर एक व्यापक पुनर्गठन का संकेत भी हो सकता है.

भाजपा में संगठनात्मक फेरबदल की आहट

भाजपा संगठन और उपराज्यपालों के स्तर पर बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि मनोज सिन्हा को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. उन्होंने कहा, “सिन्हा सबसे बेहतरीन चुनावी रणनीतिकारों में से एक हैं और एक सख्त टास्कमास्टर के रूप में जाने जाते हैं. पार्टी अध्यक्ष पद के लिए उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.” इस बयान के साथ ही भाजपा के भीतर संगठनात्मक फेरबदल की चर्चाएं तेज हो गई हैं.