नई दिल्ली। कांग्रेस को किसान आंदोलन के नाम पर एक ऐसा मुद्दा हाथ लगा गया है, जिसे वह पूरी तरह से भुनाना चाहती है। उसे लगता है कि इस मुद्दे को लेकर वह केंद्र सरकार और भाजपा नेतृत्व पर हमलावर हो सकती है। तभी तमाम कांग्रेस नेता एक एक करके प्रधानमंत्री पर भी हमलावार हो रहे हैं।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान जान गंवाने वाले किसान के परिजनों से रामपुर में मुलाकात की। किसानों से बात की। उनकी सहानुभूति लेती हुई किसानों को संबोधित भी किया। प्रियंका गांधी ने कहा कि एक शहीद का परिवार उसकी शहादत को कभी नहीं भूल सकता। आपका बेटा किसानों का समर्थन करने के लिए दिल्ली गया था लेकिन उसके साथ ऐसा हादसा हुआ कि वो वापस नहीं आया। कोई राजनीतिक साजिश के लिए वो वहां नहीं गया था, वो इसलिए गया क्योंकि उसके दिल में किसानों के लिए दुख था। उन्होंने कहा कि सरकार कानूनों को आज वापस नहीं ले रही है जबकि उनको इसे वापस लेना चाहिए। ये किसानों के साथ बहुत बड़ा जुल्म हो रहा है लेकिन इससे बड़ा जुल्म ये है कि जब सरकार शहीदों को आतंकवादी कहती है और किसान के आंदोलन को अपने लिए एक राजनीतिक साजिश की तरह देखती है।
कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने दिल्ली में किसानों की लड़ाई लड़ते हुए शहीद हुए किसान नवरीत सिंह के दादाजी, पिताजी से मुलाकात कर उनके इस अपार दुख में उनके प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।#कांग्रेस_सदैव_किसानों_के_साथ pic.twitter.com/l2Z7e5eyCZ
— Congress (@INCIndia) February 4, 2021
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दिल्ली में किसानों की लड़ाई लड़ते हुए शहीद हुए किसान नवरीत सिंह के दादाजी, पिताजी से मुलाकात कर उनके इस अपार दुख में उनके प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मैंने परिवार से बात की उनका साफ कहना है कि न्यायिक जांच होनी चाहिए। हम पूरी तरह से किसानों के साथ खड़े हैं। अगर आप उस बाॅर्डर(गाज़ीपुर बाॅर्डर) की फोटो देखें तो ऐसा लगता है कि देश का बाॅर्डर है।
असल में, कांग्रेस महासचिव को इस आंदोलन के जरिए पंजाब और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की उपस्थिति भी दिख रही है। माना जा रहा है कि यदि किसानों ने कांग्रेस के प्रति सहानुभूति दिखाई तो विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति बेहतर हो सकती है।