Punjab Politics : क्या खत्म हो गई बादल परिवार की राजनीति ?

चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव के परिणाम से बादल परिवार को तगड़ा झटका लगा है और आम आदमी पार्टी (आप) के कम जाने-पहचाने चेहरों ने भी उन्हें भारी अंतर से हरा दिया है। तीन दशकों में यह पहली बार होगा कि 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में बादल परिवार का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा।

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल मुक्तसर जिले की अपनी पारंपरिक लंबी सीट से आप के गुरमीत सिंह खुदियां से हार गए। 94 वर्षीय प्रकाश सिंह बादल चुनावों में सबसे उम्रदराज उम्मीदवार थे। खुदियां ने प्रकाश बादल को 11,396 मतों के अंतर से हराया।

प्रकाश सिंह बादल बेटे और फिरोजपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद सुखबीर सिंह बादल फजिल्का जिले की जलालाबाद सीट से मैदान में उतरे थे। हालांकि, वह आप के जगदीप कंबोज से 30,930 मतों के अंतर से हार गए।

प्रकाश बादल के भतीजे मनप्रीत सिंह बादल को बठिंडा शहरी सीट से आप के जगरूप सिंह गिल के हाथों 63,581 मतों के अंतर से करारी हार का सामना करना पड़ा। मनप्रीत सिंह बादल कांग्रेस के नेता और राज्य के मंत्री हैं। सुखबीर बादल के साले और शिअद के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया अमृतसर पूर्व से तीसरे स्थान पर रहे। इस सीट पर आप की जीवनज्योत कौर ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को हरा दिया। मजीठिया ने सिद्धू को टक्कर देने के लिए अमृतसर में अपनी मजीठा सीट छोड़ दी थी। सिद्धू अमृतसर पूर्व से विधायक थे।

प्रकाश बादल के दामाद आदिश प्रताप सिंह कैरों को पट्टी से आप के लालजीत सिंह भुल्लर ने 10,999 मतों के अंतर से हराया। हालांकि, मजीठिया की पत्नी गनीवे कौर मजीठिया को मजीठा सीट से जीत हासिल हुई है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आप के सुखजिंदर राज सिंह को 26,062 मतों के अंतर से हराया।