काठमांडू। नेपाल जनगणना 2021 की सार्वजनिक रिपोर्ट में धर्म, भाषा और जाति से संबंधित डेटा शामिल नहीं है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने इस आंकड़े को यह कहकर छिपाया है कि इसे चार महीने बाद ही जारी किया जाएगा। हालांकि जनगणना तैयार थी, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने चार महीने देर से शुक्रवार को इसकी घोषणा की।
उल्लेखनीय है कि धर्म, जाति और भाषा से संबंधित डेटा, जो बहुतों के लिए रुचिकर हैं, उसे सार्वजनिक नहीं किए गए। जनगणना के दौरान पांच वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों का नाम, उपनाम, जाति, लिंग, जन्म प्रमाण पत्र, उम्र, पैतृक भाषा, मातृभाषा, दूसरी भाषा और धर्म के बारे में व्यक्तिगत विवरण मांगा गया था। हालांकि, धर्म, भाषा और जाति के आँकड़े सार्वजनिक नहीं किए जाने के बाद से रुचि बढ़ी है।
सांख्यिकी कार्यालय ने सूचित किया है कि विभिन्न समुदायों से जुड़े विवाद के कारण रिपोर्ट को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। सांख्यिकी कार्यालय का दावा है कि डेटा सार्वजनिक नहीं किया गया है क्योंकि यह किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है जबकि इस पर जाति, जनजाति और भाषा आयोग के अधिकारियों से चर्चा की गई है।
नेपाल में इन दिनों धर्म परिवर्तन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। चूंकि इस मामले में रुचि बढ़ रही है, यह सार्थक माना जाता है कि जनगणना रिपोर्ट वर्तमान में धर्म के आंकड़ों का खुलासा नहीं करती है।