संक्रमण गाँव-गाँव फैल चुका है।अब भी अपना अप्रोच बदलिये वरना तबाही का मंजर साफ दिख रहा है।केंद्र से बिहार का वाजिब हक माँगिये।हमसे छोटे राज्यों का आवंटन ज़्यादा हो रहा है। अन्य राज्यों का अनुसरण कर देश-विदेश की कंपनियों से सम्पर्क कर medical supplies,वैक्सीन इत्यादि सीधा खरीदिये।
नीतीश जी, आपसे विनम्र निवेदन है कि पिछले साल जैसी गलती दोबारा मत करिए। आँकड़ो में हेराफेरी कर छवि बचाने से ज़्यादा जरूरी लोगों का स्वास्थ्य है।आप जाँच घटा रहे है लेकिन Positivity rate बढ़ गया है। जाँच कम होने से संक्रमण की वास्तविकता नहीं मालूम होगी, उसका फैलाव बढ़ता जाएगा।
एक साल बाद भी बिहार की कुल कोरोना जाँच में Anti-gen tests की संख्या 65-70% है जबकि RT-PCR सबसे कम मात्र 30-35% ही है।RT-PCR जाँच की रिपोर्ट आने में 14-15 लग रहे है। Asymptomatic मरीज़ों की जाँच ही नहीं हो रही है। ऑक्सिजन, वेंटिलेटर की छोड़िए बिहार अभी जाँच के स्तर पर ही जूझ रहा है।
ये समझ नहीं आता कि नीतीश जी की तथाकथित हाई लेवल क्राइसिस ग्रूप की मीटिंग में कोरोना बचाव पर चर्चा होती है या छवि बचाव पर।
अभी तक एक भी ऐसा ठोस कदम या निर्णय नहीं लिया गया है जिससे कोरोना संक्रमण को कम किया जाए,मरीज़ों का उचित इलाज हो सके, अस्पतालों का क्षमतावर्धन हो सके।