श्रम सचिव की अध्यक्षता में ईपीएफओ सुधारों पर समीक्षा बैठक

बैठक में मुकदमेबाजी प्रबंधन और लेखा परीक्षा में परिचालन सुधारों पर भी चर्चा की गई।

नई दिल्ली। श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुश्री सुमिता डावरा ने ईपीएफओ में सुधारों पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में सीपीएफसी श्रीमती नीलम शमी राव और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और ईपीएफओ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। यह बैठक 13 जून को हुई थी। इसके नवीन सॉफ्टवेयर को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सीडीएसी) के परामर्श से तैयार किया जा रहा है। सुश्री डावरा ने अधिकारियों से एक प्रभावी सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के लिए करीबी तालमेल के साथ कार्य करने का आग्रह किया।

सुश्री डावरा ने निपटान को स्वचालित करने और दावों के शीघ्र भुगतान के लिए समय-सीमा को कम करने जैसे ईपीएफओ के हाल में उठाए गए कदमों की सराहना की। ईपीएफओ ने बीमारी, शिक्षा, विवाह और आवास के लिए 1 लाख रूपये तक के अग्रिम दावों के लिए स्वतः निपटान व्यवस्था कार्यान्वित की है। लगभग 25 लाख रूपये के अग्रिम दावों का स्वतः प्रक्रिया के बाद निपटान किया गया है। अब तक निपटाए गए 50 प्रतिशत से अधिक बीमारी के दावों का भी स्वतः निपटान किया गया है। इससे दावों का अब जल्दी से निपटारा किया गया है और उनमें से बड़ी संख्या में निपटान अब तीन दिनों के भीतर किया जा रहा है।

सदस्यों के केवाईसी आधार से जुड़े खातों के लिए बैंक खाते में अपलोड की गई चेक बुक/पासबुक की व्यवस्था को आसान बनाया गया है। इसके कारण पिछले एक महीने में लगभग 13 लाख दावों की जांच की आवश्यकता न के बराबर रह गई है।

ईपीएफओ ने अधूरे मामलों की वापसी और अयोग्य मामलों की अस्वीकृति होने पर सदस्यों को इन्हें आसानी से समझने के लिए प्रक्रिया को सरल और तर्कसंगत बना दिया है।

24 अप्रैल में 2 लाख से बढ़कर मई-2024 में 6 लाख होने के साथ स्वत: हस्तांतरण की संख्या में भी तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है। सुश्री डावरा ने ईपीएफओ को प्रणालीगत सुधारों के लिए इस तरह के सक्रिय उपाय जारी रखने की सलाह भी दी।

ईपीएफओ प्रत्येक सदस्य के लिए यूएएन आधारित एकल लेखा प्रणाली के साथ अपने आवेदन सॉफ्टवेयर में सुधार करने और दावों के तेजी से निपटान करने हेतु लोगों का कम से कम हस्तक्षेप करने के लिए स्वचालन की प्रक्रिया में है।

समीक्षा बैठक में सामाजिक सुरक्षा विस्तार और जीवन में सरलता एवं व्यवसाय की सुगमता के लिए नई पहलों की आवश्यकता का भी उल्लेख किया गया। बैठक के दौरान मुकदमेबाजी प्रबंधन और लेखा परीक्षा में परिचालन सुधारों पर भी चर्चा की गई।