आज से आरंभ हो रहा सावन का महीना, शिव पूजन और रुद्राभिषेक के आश्चर्यजनक लाभ

श्रावण सोमवार में श‍िवजी की पूजा का व‍िशेष महत्‍व माना गया है, इस समय आप अपनी राश‍ि के अनुसार भोलेनाथ जी की पूजा करें तो श‍िवजी अत्‍यंत प्रसन्‍न होते हैं ।

नई दिल्ली। आज से आरंभ हो रहा सावन का महीना। यानी भोले बाबा की श्रावणी। बहुत से भक्त सोमवार के व्रत रखेंगे। वहीं कुछ बाबा का रुद्रभिषेक करेंगे। व्रत की बात समझ में आती है। पर रुद्रभिषेक से हर कोई वाकिफ नहीं है। आइए बताते हैं रुदभिषेक का अर्थ और इसके लाभ।

रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली के महापाप भी जलकर भस्म हो जाते हैं और हममें शिवत्व का उदय होता है। भगवान शिव का शुभाशीर्वाद प्राप्त होता है। सभी मनोरथ पूर्ण करने के लिए एकमात्र सदाशिव रुद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वत: हो जाती है।

रुद्राभिषेक के विभिन्न पूजन के लाभ इस प्रकार हैं-

  • – जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।
  • – असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें।
  • – भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें।
  • – लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।
  • – धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें।
  • – तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • – इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।
  • – पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें।
  • – रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है।
  • – ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगाजल से रुद्राभिषेक करें।
  • – सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है।
  • – प्रमेह रोग की शांति भी दुग्धाभिषेक से हो जाती है।
  • – शकर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।
  • – सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है।
  • – शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है।
  • – पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें।
  • – गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।