वर्तमान में अधिक प्रासंगिक हैं श्रीराम


नई दिल्ली।
22 जनवरी को अयोध्या के रंग में केवल भारत ही नहीं, दुनिया के 50 से अधिक देश रंग चुके हैं। अमेरिका, ब्रिटेन सहित कई विकसित और विकासशील देश रामधुन पर थिरक रहे हैं। हाल ही में जी 20 के सफल आयोजन में भारत की “वसुधैव कुटुंबकम” के आचार विचार को पूरी दुनिया ने करीब से समझा है।
22 जनवरी को अयोध्या के भव्य मंदिर में जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हाथों प्रभु श्रीराम के बाल रूप की प्राण-पं्रतिष्ठा हो रही होगी, उस समय अन्य देशों के मंदिरों में रामधुन और विशेष पूजा अर्चना हो रही होगी। इसकी शुरुआत आज से ही हो चुकी है।

दिल्ली प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की महामंत्री प्रियल भारद्वाज का कहना है कि यह हम सभ का सौभाग्य है कि उस काल में अपना कर्म कर रहे हैं, जब देश का नेतृत्व प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हाथों में है। सोने पे सुहागा कि 500 वर्षों से अधिक के संघर्ष के बाद हम अयोध्या में भव्य राम मंदिर में अपने अराध्य श्रीराम लला का प्राण-प्रतिष्ठा होते देख रहे हैं। आज भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक पूरा समाज राममय हो चुका है। प्रियल भारद्वाज ने यह भी कहा कि बचपन में हमने प्रख्यात कवि रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता पढ़ी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि आने वाले समय में साबरमती, पांडिचेरी, तिरुवन्न मलई और दक्षिणेश्वर – ये मानवता के आगामी मूल्य पीठ होंगे। जब दुनिया झुलसने लगेगी,शीतलता की धारा यहीं से जाएगी। रेगिस्तान में दौड़ती हुई संततियां थकने वाली हैं और वे वे फिर पीपल की छाया में लौट आएंगी। आज ये बातें सौ फीसदी सच हो रही हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी का प्रभाव वैश्विक राजनीति में ऐसा ही है। उन्होंने कहा की प्रभु श्रीराम का पुरा जीवन चरित ही पूरी मानव जाति के लिए आदर्श है।

संघ विचारक और भाजपा के प्रवक्ता डॉ धनंजय गिरि का कहना है कि साबरतमती के संत ने जो रामराज्य की बात कही, उसका संदेश पूरी दुनिया में अब साबरमती के संतान पहुंचा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश ही नहीं, विदेशों में भी प्रभु श्रीराम के संदेशों को एक बार फिर पहुंचाया है। यह अनायास नहीं है कि 22 जनवरी के अयोध्या और देश की कौन कहे, 50 से अधिक देशों में रामधुन पर लोग मंत्रमुग्ध होंगे। डॉ गिरी ने कहा कि जब कई देश आपस में संघर्ष कर रहे हैं, वैसे में वंचितों के पक्ष में श्रीराम द्वारा किये गए कार्य दुनिया को नया रास्ता दिखाती है।

जगत जननी मां सीता की धरती से आने वाले दिल्ली प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा के प्रवक्ता श्री अनंत अमित ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि आज भारत के अलावा विकसित और विकासशील देशों में रामयुग का अक्स दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि यह अनायास नहीं है कि 50 से अधिक देश में 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम के प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर कार्यक्रम हो रहे हैं। इसके पीछे जहां उन लोगों का भगवान श्रीराम के प्रति अनुराग है, वहीं प्रधानमंत्री श्री मोदी की सशक्त कूटनीति का असर भी है। यह राममय वर्ष में भारत की नई शक्ति का प्रतीक है।