नई दिल्ली। भारत ने पिछले पंद्रह दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में असंवैधानिक और मनमाने ढंग से मकानों-दुकानों को तहस -नहस करने के अभियान देखे हैं। ऐसी सभी कार्रवाइयों के पीछे एक पैटर्न है! संघ परिवार से जुड़े संगठन एक धार्मिक जुलुस के नाम पर (आमतौर पर पुलिस की मौजूदगी में लाठी और तलवार और यहाँ तक कि गोली चलाने के शस्त्र को लहराते हुए) मौखिक और शारीरिक हमले का आयोजन करते हैं, और फिर मस्जिद के बाहर जानबूझकर उकसाने वाली गतिविधियां करते हैं। यह प्रशासन की मिलीभगत से होता है। यह जानते हुए कि इससे टकराव होगा। दो समूहों केबीच टकराव के बाद एकतरफा गिरफ्तारी और संपत्तियों को तोड़ने जैसी अतिरिक्त कार्रवाई की जाती है। इस तरह की हरकतें भाजपा शासित राज्यों और दिल्ली जैसी जगहों पर अधिक स्पष्ट हैं, जहां पुलिस पर भाजपा सरकार का नियंत्रण है।
स्वराज इंडिया स्पष्ट शब्दों में इस बुलडोजर राज और देश को विभाजित करने के प्रयास की निंदा करता है। स्वराज इंडिया की दिल्ली टीम ने अपने प्रदेश अध्यक्ष श्री नवनीत तिवारी के नेतृत्व में कल तोड़ फोड़ वाले स्थल का दौरा किया और प्रभावित परिवारों को आश्वासन दिया कि स्वराज इंडिया उनके साथ खड़ा रहेगा। श्री नवनीत तिवारी ने यह भी बताया कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता, जिन्होंने इस विध्वंस को अंजाम दिया था, पर खुद पटेल नगर में अपना कार्यालय बनाने के लिए एक सरकारी स्कूल की भूमि पर अतिक्रमण करने का आरोप है।
दिल्ली में जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल, 2022 को एक ऐसी ही घटना देखी गई, जहाँ संघ परिवार से जुड़े संगठनों द्वारा हनुमान जयंती पर एक बिना प्रशासनिक इजाजत के शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। इस जुलुस के वीडियो में दिल्ली पुलिस के साथ, बंदूकों, तलवारों और बेसबॉल के बल्ले के साथ भीड़ दिखाई दे रही है, जिसमें नाबालिग भी शामिल हैं। जुलुस एक मस्जिद के बाहर रुका, और दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में, दिन के उजाले में, अत्यंत बुरी व ,कट्टर नारेबाजी और मस्जिद को अपवित्र करने का प्रयास किया गया। इसके बाद स्थानीय मुसलमान समुदाय के सदस्यों और जुलूस निकालने वाले कुछ लोगों द्वारा पथराव किया गया, जिसमें पुलिस कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए।
जैसे कि यह पर्याप्त नहीं था, भाजपा दिल्ली अध्यक्ष ने अपनी पार्टी के नेतृत्व वाली उत्तरी दिल्ली एमसीडी को “पत्थरबाजों” के खिलाफ “अतिक्रमण विरोधी” अभियान चलाने के लिए कहा। दिल्ली के सीएम ने भी शोभा यात्रा पर पथराव करने वालों की निंदा की, लेकिन इससे पहले की हर चीज पर चुप्पी साधे रखा। 20 अप्रैल, 2022 को उत्तरी दिल्ली एमसीडी ने केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देश के तहत दिल्ली पुलिस के पूर्ण समर्थन के साथ, एमसीडी नियमों, एनसीटी कानूनों और दिल्ली पुलिस के नियमों के पूर्ण उल्लंघन में एक असाधारण विध्वंस अभियान चलाया। निवासियों को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया, और कई को कागजात होने के बावजूद भी नहीं बख्शा गया। इस अभियान ने घरों, दुकानों, स्थानीय लोगों के रेहड़ियों और एक मस्जिद के प्रवेश द्वार को गिरा दिया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर रोक लगाने के बाद एक घंटे से अधिक समय तक यह तोड़ फोड़ जारी रही। इस अभियान का पूरा मकसद अल्पसंख्यक आबादी को “सबक सिखाना” था और यह प्रदर्शित करना था कि भाजपा और उसके कार्यकर्त्ता कानून के राज से ऊपर हैं।