झारखंड में भी तेजी से बढ़ रहा एच3एन2 इंफ्लूएंजा का खतरा

एन-95 का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। लगातार गर्म पानी का सेवन करना बेहद जरूरी है। लक्षण मिलने पर एंटीबायोटिक दवा का सेवन बिल्कुल ना करें, इसमें एंटीवायरल दवाएं चलती हैं। ओसेल्टामाविस दवा इस बीमारी से लड़ने में कारगर है।

रांची। एच3एन2 इंफ्लूएंजा वायरस की चपेट में लोग तेजी से आ रहे हैं। इस बीमारी के लक्षण कोरोना से मिलते जुलते हैं। कई राज्यों में एच3एन2 इंफ्लूएंजा का खतरा देखा जा रहा है। झारखंड में भी इस बीमारी का खतरा देखा जा रहा है।
इस संबंध में रांची रिम्स के डॉक्टर डॉ संजय ने बताया कि इस बीमारी के लक्षण को अगर नजर अंदाज किया गया तो खतरा बढ़ सकता है। अगर लंबे समय से खांसी है, सांस फूल रही है औऱ थकान की शिकायत है तो जांच करानी चाहिए। खांसी ठीक हो जायेगी सोचकर साधारण दवा नहीं लेनी चाहिए खतरा बढ़ सकता है। इस बीमारी का अगर समय रहते इलाज नहीं हो पाया तो यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि जान भी जा सकती है। यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि कई बार लोग आईसीयू में भी भर्ती हो जाते हैं। अगर बाहर से आये किसी व्यक्ति में इसके लक्षण दिखते हैं तो और सतर्क रहने की जरूरत है।
अगर परिवार में किसी व्यक्ति में इस बीमारी के लक्षण हैं तो उसका मास्क पहनकर रहना बेहद जरूरी है। यह बीमारी फैलती है। घर के दूसरे सदस्यों को भी एन95 मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि यह वायरल बीमारी है, सांसों के जरिए भी एक दूसरे में जा सकता है। वहीं इस बार इसकी प्रसार क्षमता अधिक देखी जा रही है।
इसकी शुरुआत गले में दर्द, बुखार और खांसी होती है। धीरे- धीरे पूरा शरीर कमजोर होने लगता है। शरीर में दर्द रहता है। अगर परिवार के किसी भी सदस्य में यह लक्षण हैं तो तुरंत आपको जांच कराना चाहिए। तुरंत इसकी जांच कराएं आरटीपीसीआर टेस्ट से संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। घर में किसी को लक्षण होने पर चिकित्सक के संपर्क में रहना जरूरी है।