जंतर मंतर पर कोई किसान नहीं, ये आढ़ती के लोग हैं : मीनाक्षी लेखी

टीएमसी के सदस्यों ने संसद में किया, वो बहुत शर्मनाक है।कांग्रेस और टीएमसी लगातार गलत नैरेटिव बना रही है। कुछ पीत पत्रकारिता करने वाले लोग भी उनका साथ दे रहे हैं। Amnesty ने भी इस लिस्ट से इनकार किया है और कहा है कि इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है।

नई दिल्ली। जंतर मंतर किसान संसद में जो लोग शामिल हुए हैं, भारतीय जनता पार्टी और सरकार उन्हें किसान नहीं मानती है। भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जो आंदोलन के नाम पर जंतर-मंतर पर जमा हुए हैं, वे किसान नहीं हैं। ये लोग आढ़ती के लोग हैं, जो अपने स्वार्थ के लिए यहां एकत्र हुए हैं।

एक सवाल के जवाब में भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि इन लोगों को किसान कहना मीडिया बंद करें। जो देश के किसान हैं, उनके पास इतना समय नहीं है कि वे जंतर मंतर पर आकर बैठे। दिल्ली की सीमाओं पर सात महीने से बैठे रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान अपने खेतों में मेहनत कर रहा है। केंद्र सरकार मेहनतकश किसानों के लिए कई योजनाएं लेकर आई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से देश के करोड़ों किसानों को लाभ मिला है। वे किसान नहीं मवाली हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया।

वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने किसानों से नए कृषि क़ानूनों के संदर्भ में बात की है।किसानों को कृषि क़ानूनों के जिस भी प्रावधान मे आपत्ति हैं वे हमें बताए, सरकार आज भी खुले मन से किसानों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है।