हर ओर हो रही है चर्चा, अब कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री !

 

नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को बीते दिन दिल्ली हाई कोर्ट ने ये कहते हुए खारिज कर दिया कि ईडी की तरफ से एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल ने साजिश रची थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी त्वरित सुनवाई से पल्ला झाड़ लिया है। वहीं हाई कोर्ट के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी के भीतर रात भर मंथन का दौर चला। जिस तरह से कोर्ट का फैसला सामने आया है उसके बाद कहा जा रहा है कि केजरीवाल के बाहर आने में लंबा वक्त भी लग सकता है। ऐसे में क्या जेल से ही अरविंद केजरीवाल सरकार चलाएंगे या फिर कौन होगा अगला मुख्यमंत्री इसकी चर्चा भी लगातार जारी है।

अरविंद केजरीवाल अपनी पत्नी को सीएम की कुर्सी सौंपना चाहते हैं। वहीं संजय सिंह एक बड़े चैलेंजर बनकर आए हैं। गोपाल राय खुद को संजय सिंह से भी सीनियर मानते हैं क्योंकि वो आंदोलन में केजरीवाल के साथ संजय सिंह से पहले से जुड़े हैं। आप सरकार में मंत्री भी वो बनाए गए। स्वाति मालीवाल और राघव चड्ढा की भी पर्दे के पीछे से भूमिका की बात कही जा रही है। जैसे ही सुनीता केजरीवाल का नाम आगे किया गया हर चीज में मुखर रहने वाली स्वाति मालीवाल एकदम खामोश नजर आ रही है। आप के 62 विधायक में से 25 गोपाल राय के साथ बताए जा रहे हैं। केजरीवाल अपनी पत्नी का नाम आगे बढ़ाना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव से ज्यादा आप की चिंता अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर है।

कोर्ट की तरफ से जिस तरह पुख्ता सबूत की बात कही जा रही है। ऐसे में केजरीवाल का इतना जल्दी जेल से बाहर आना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में अलग-अलग ग्रुप अपनी दावेदारी मजबूत करने में लगे हैं। आम आदमी पार्टी को दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगने का डर सता रहा है। दरअसल दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र लिख दिया, जिसके बाद राष्ट्रपति शासन का जिक्र तेज हो गया। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा। अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। एलजी सचिवालय के पत्र में कहा गया है कि उपराज्यपाल ने जल, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पर्यावरण और वन आदि विभागों से संबंधित मंत्रियों के साथ बैठक बुलाई। इसमें कहा गया है कि गोपाल राय, कैलाश गहलोत, आतिशी और सौरभ भारद्वाज सहित मंत्रियों को बैठक के बारे में सूचित किया गया था। हालाँकि, दो अवसरों पर आमंत्रित किए जाने के बावजूद, मंत्रियों ने कॉल को अस्वीकार कर दिया और आदर्श आचार संहिता लागू होने का हवाला देते हुए बैठक में भाग लेने में असमर्थता जताई। आम आदमी पार्टी के विधायक मदनलाल ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी को डराया जा रहा है और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू करने की अफवाह फैलाई जा रही है।