इंसेफेलाइटिस की बीमारी समाप्ति की ओर

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 से विभिन्न स्तरों पर इंसेफेलाइटिस से जुड़े विशेषज्ञों से संवाद स्थापित कर इसके समाधान का कार्य किया। प्रदेश सरकार ने इंसेफेलाइटिस से बचाव हेतु साबुन वितरण, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति, स्वच्छता एवं शौचालय के निर्माण कार्यों के साथ ही, व्यापक स्तर पर जनजागरण के कार्यक्रम भी चलाए। विगत 05 वर्षां में प्रदेश सरकार ने अन्तर्विभागीय समन्वय से कार्य किया। परिणामस्वरूप जिन क्षेत्रों में 40 वर्षों में 50 हजार बच्चों की मौत हुई, आज वहां पर यह बीमारी समाप्ति की ओर है। गोरखपुर में समीक्षा के दौरान उनको जनपद में सिर्फ 40 मरीज मिले, जिसमें 07 जापानी इंसेफेलाइटिस एवं 33 एक्यूट इंसेफेलाइटिस के थे। इन बीमारियों से होने वाली मृत्यु की संख्या शून्य थीं।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है। यह भारत की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। भगवान धनवन्तरि की पावन भाव भूमि भी प्रदेश की धरती है। भारत का कोरोना प्रबन्धन दुनिया में सबसे अच्छा रहा। कोरोना कालखण्ड में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में समय से लिए गए निर्णय और समय पर की गई व्यवस्था व पूरे देश से उनके संवाद, सम्बोधन ने कोरोना के प्रबन्धन में बड़ी भूमिका निभाई। आरोग्य भारती द्वारा बिना किसी भेदभाव के समाज के प्रत्येक नागरिक को उत्तम आरोग्यता प्रदान करने के लिए सराहनीय प्रयास किये गये। आरोग्य भारती ने कोरोना कालखण्ड में बहुत अच्छे सुझाव प्रदेश सरकार को प्रदान किये थे।
मुख्यमंत्री यहां आरोग्य भारती की अखिल भारतीय प्रतिनिधि मण्डल बैठक-2022 के उद्घाटन सत्र में सम्मिलित होकर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आरोग्य भारती अखिल भारतीय स्तर पर सम्पूर्ण आरोग्यता प्राप्त करने के लिए विगत 20 वर्षों से कार्य कर रही है। इस सदी की सबसे बड़ी महामारी के दौरान आरोग्य भारती के स्वयं सेवकों की कार्य पद्धति को सभी ने बहुत नजदीकी से महसूस किया है। आरोग्य भारती संस्था ने कोरोना कालखण्ड के दौरान सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर जनमानस में जनजागरूकता के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का सराहनीय कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अखिल भारतीय प्रतिनिधि मण्डल की बैठक के आयोजन के लिए संस्था को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस बैठक में दैनिक जीवन के क्रियाकलापों, खानपान व अन्य चीजों को लेकर स्वास्थ्य सेवाओं के सम्बन्ध में मंथन होगा। इस मंथन से बीमारी दूर करने के प्रयास कर स्वस्थ समाज से स्वस्थ राष्ट्र की परिकल्पना को साकार करने का कार्य आगे बढ़ेगा। आरोग्य भारती संस्था आज यहां चिंतन व मंथन के माध्यम से अमृत निकालकर आमजन तक पहुंचाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल खण्ड में भारतीय पारम्परिक जीवन पद्धति ने भी प्रत्येक नागरिक को बचाने में बड़ी भूमिका का निर्वहन किया। प्रत्येक भारतीय परिवार नियमित रूप से अपने भोजन में हल्दी का सेवन करता है। हल्दी की ताकत को दुनिया ने कोरोना कालखण्ड के दौरान समझा। हल्दी अनेक प्रकार के गुणों की खान है। हल्दी हमारी इम्यूनिटी सिस्टम को ठीक करता है। अपनी परम्परागत पद्धतियों को प्रमाणित तथा किसी भी मंच पर प्रस्तुत करने में विफल रहने के कारण हमें सफलता नहीं मिली। हमें अपने डाटा कलेक्शन पर भी ध्यान देना होगा तथा पेटेंट कराने की प्रक्रिया से जुड़कर आगे बढ़ना होगा। इस दिशा में आरोग्य भारती जैसे संगठन नेतृत्व कर सकते हैं।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में आयुष से जुड़े सभी विभागों को एक साथ जोड़कर नए आयुष मंत्रालय का गठन किया। यह मंत्रालय देश को नई दिशा देने का कार्य कर रहा है। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से 21 जून की तिथि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनायी जाती है। विश्व में लगभग पौने दो सौ देश अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम से जुड़ते हैं। दुनिया के अन्य देशों में योग के प्रति आमजन में जो भाव है, वह भारत की समृद्ध परम्परा को प्रकट करता है। देश में हेल्थ टूरिज्म की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमेरिका की कुल आबादी भारत की आबादी की एक चौथाई है। कोरोना कालखण्ड में अमेरिका में भारत से डेढ़ गुना ज्यादा मौतें हुई थी, यूरोप की भी स्थिति अच्छी नहीं थी। लेकिन कोरोना कालखण्ड में भारत एवं प्रदेश का प्रबन्धन इन देशों के मुकाबले बेहतरीन था। उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 से 2017 तक 70 वर्षां के दौरान प्रदेश में 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज थे। वर्ष 2017 से वर्ष 2022 के बीच 35 नए राजकीय मेडिकल कॉलेज, एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया से जुड़ चुके हैं। मेडिकल कॉलेज विहीन 16 असेवित जनपदों में पी0पी0पी0 के माध्यम से मेडिकल कॉलेज प्रारम्भ किये जाने हैं। इसमें से 06 जनपद चयन प्रक्रिया के अन्तिम चरण में हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति की आरोग्यता की पहल को आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मण्डल से बस्ती, देवीपाटन, सहारनपुर मण्डल तक मध्य जुलाई से मध्य नवम्बर के बीच कुल 38 जनपदों में मस्तिष्क ज्वर से प्रति वर्ष हजारों मौतें होती थीं। यह मौते एक वर्ष से 15 वर्ष तक के बच्चों की होती थी। विगत 40 वर्षों में इन 38 जनपदों में 50 हजार से ज्यादा मौतें हुई। इस अवधि में मस्तिष्क ज्वर से सम्बन्धित विभिन्न संस्थाओं में कार्य व शोध के अभाव के कारण ही इसको नियंत्रित नहीं किया जा सका। इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन जापान में वर्ष 1905 में बनी थी। लगभग 100 वर्ष बाद वर्ष 2006 में यह भारत आयी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने भारत माता एवं भगवान धनवन्तरि के चित्र पर पुष्प अर्पित किये। मुख्यमंत्री जी को प्रतीक चिन्ह एवं अंगवस्त्र प्रदान कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में धनवन्तरि स्तवन का प्रस्तुतीकरण किया गया। आरोग्य भारती से सम्बन्धित स्मारिका, आरोग्य सम्पदा एवं कैलेण्डर का विमोचन किया गया।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, भारत सरकार श्री मनसुख मंडाविया ने कार्यक्रम को वर्चुअली सम्बोधित किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर सह कार्यवाह श्री मनमोहन वैद्य तथा आरोग्य भारती के संरक्षक डॉ0 प्रवीण भवसार ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में सचिव श्री राजेश कोटेचा, अपर सूचना निदेशक श्री अंशुमान राम त्रिपाठी, सिटी मॉण्टेसरी के संस्थापक श्री जगदीश गांधी, आरोग्य भारती के पदाधिकारियों सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।