सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया

उद्धव ठाकरे ने राज्य की मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उसके साथ ही उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता से भी त्यागपत्र दिया। उन्होंने सरकार के सहयोगियों और शिवसैनिकों के प्रति आभार प्रकट किया।

मुंबई/नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीतिक संकट को लेकर पूरे देश कयासों का दौर जारी रहा। देर शाम सुप्रीम कोर्ट ने राज्य विधानसभा में बहुमत परीक्षण के आदेश को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ ही मिनट बाद उद्धव ठाकरे ने राज्य की जनता को संबोधित किया। अपने मन की बात कहने के बाद ही राज्य की मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

इसके तुरंत बाद राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जनता को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कहा कि मैं नहीं चाहता कि मुंबई में खून खराबा हो। इसलिए मैं सीएम की कुर्सी से इस्तीफा दे रहा हूं। उद्धव ठाकरे ने कहा, मुंबई में सीआरपीएफ की टीम और अन्य फोर्स आ रही है। क्या आप शिवसैनिकों के खून से मुंबई का रास्ता लाल करने वाले हैं क्या ?

जनता के नाम अपने संबोधन में उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज कैबिनेट समाप्त होने के बाद अशोक चव्हाण ने मुझे कहा कि हम आपके साथ हैं अगर इसलिए दिक्कत हो रही है तो हम महा विकास आघाडी के बाहर जाते हैं और आप को बाहर से समर्थन देते हैं लेकिन मैंने कहा नहीं ऐसा नहीं होता । उन्होंने यह भी कहा कि मैं आया भी अनपेक्षित रूप से था और जा भी अनपेक्षित रूप से रहा हूं। मतलब हमेशा के लिए नहीं जा रहा हूं मैं यहीं रहूंगा और शिवसेना भवन में फिर जा कर बैठूंगा, अपने सभी लोगों को एकत्र करूंगा।

इससे पूर्व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट पर हम रोक नहीं लगाएंगे। कोर्ट ने कहा कि फिलहाल हम महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट पर रोक नहीं लगा सकते। इसलिए कल तय कार्यक्रम के अनुसार 11 बजे ही फ्लोर टेस्ट कराया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम राज्यपाल के आदेश पर रोक नहीं लगा सकते। हम नोटिस जारी कर रहे हैं। आप इसपर काउंटर फाइल कर सकते हैं ।अन्य केस में मैरिट के आधार पर 11 जुलाई को फैसला होगा।