कमलेश भारतीय
यह भी खूब रही । जेल के नियमों और सरकार की कृपा से पैरोल पर आए बाबा वर्चुअल सत्संग कर संगतों को निहाल कर रहे हैं । है न अद्भुत संगम ? दुष्कर्म और सत्संग का ! कहीं ऐसा देखा या सुना ? हमारे हरियाणा में देखिए यह चमत्कार एक दुष्कर्म के दोषी बाबा की महानता ! पहले हिसार के मेयर की पत्नी व हमारे हरियाणा के डिप्टी स्पीकर ने आशीर्वाद लिया । इस बार पानीपत में वर्चुअल सत्संग में मेयर सहित अनेक पार्षदों ने आशीर्वाद लिया । इनमें भाजपा और कांग्रेस के पार्षद शामिल रहे । सब पर बाबा की कृपा बरसी । पानीपत की मेयर अवनीश कौर से जब पूछा गया कि एक दुष्कर्म के दोषी के सत्संग में शामिल क्यों हुईं ? जवाब बड़ा मासूम सा आया कि अच्छी बात तो किसी से भी ग्रहण कर लेने में हर्ज ही क्या है !
अब बाबा का इतिहास बताने की कोई जरूरत है नहीं । यू आर माई लव चार्जर गाने वाले बाबा ने मुंहबोली व गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत के पति को कैसे उसकी जिंदगी से आउट किया , यह आप उसी की जुबानी सुन सकते हैं ! हमारे जेलमंत्री चौ रणजीत चौटाला हर बार यही प्यारा सा जवाब देते हैं कि जेल के नियमों के अनुसार ही पैरोल दी जा रही है । मुख्यमंत्री भी यही दोहराते हैं हर बार । फिर उनका जेल में चाल चलन भी अच्छा है । ऐसे ही जैसे राजीव गांधी के छह हत्यारों का अच्छा चाल चलन देखकर उन्हें भी रिहा कर दिया गया है । स्वर्ग नर्क यहीं है । पहले कुछ भी गलत कर लो लेकिन जेल में चाल चलन अच्छा रखो , फिर आप पर नियम कानून और सरकार मेहरबान हो जायेंगे ! यहीं स्वर्ग बन जायेगा । जन्नत बन जायेगी । जेल में सब्जी लगाना तो इक बहाना है । मतलब तो पैरोल पर जाना है ।
हर बार चुनावों के समय बाबा को पैरोल क्यों ? क्या कनेक्शन है चुनावों से ? कोई बतलाये , हम बतायें क्या ? इस पैरोल को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती भी दी जाती है लेकिन फैसला आते आते चुनाव की रुत बीत चुकी होती है । यह भी एक अलग तरह का मजाक है !
हम कब तक इस खेल को नहीं समझेंगे ? कब तक यह पैरोल और चुनाव साथ साथ चलेंगे ? पैरोल तो पैरोल यह सत्संग की छूट कैसे ? क्यों ? यह सब सोचने व समझने की बात है ! कौन समझेगा और किसे समझायें ?
(पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी)