नई दिल्ली। अनुसूचित जातियों के भोले भाले लोगों को लोभ-लालच, छल-प्रपंच, प्रलोभन व विविध दबावों से एक ओर उनका ईसाई मिशनरियों तथा इस्लामिक जिहादीयों द्वारा धर्मान्तरण किया जा रहा है तो वहीं इस प्रकार धर्मांतरित लोगों को आरक्षण का लाभ दिला कर हिन्दू समाज के इन बंचित लोगों के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है। हमारा संकल्प है कि अनुसूचित जातियों के बंधु-भगिनीयों के मुँह का निवाला किसी भी कीमत पर नहीं छीनने देंगे।
आर्यसमाज दिलशाद गार्डन के 28 वें वार्षिकोत्सव के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री विनोद बंसल ने यह भी कहा कि हम हिंदू समाज की अनुसूचित जातियों के अधिकारों पर ईसाई मिशनरियों व इस्लामिक जिहादियों के द्वारा डाका डालने के कुत्सित प्रयासों को सफल नहीं होने देंगे, जातिगत आधार पर भेदभाव की समाप्ति हेतु हमारे संविधान में आरक्षण का जो प्रावधान किया गया उसका लाभ धर्मांतरित हुए अनुसूचित जाति के लोगों को नहीं लेने देंगे। साथ ही हिंदू समाज के अंदर जातिगत भेदभाव व छूआ छूत के साथ धर्मान्तरण का भी समूल नाश करके रहेंगे।
महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी द्वारा स्थापित आर्य समाज ने इस संबंध में बड़ा काम किया है यज्ञ के ब्रह्मा व पुरोहितों का स्थान अनुसूचित जाति के लोगों ने भी लिया है तथा विहिप ने भी अपने पुरोहित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से भी हजारों बंधु भगनियों को मंदिरों में पूजा अर्चना करने और कराने का अधिकार दिलाया है।
इस अवसर पर आर्य समाज की प्रधान श्रीमती सरोज पुरंग, वैदिक विदुषी दर्शनाचार्या श्रीमती विमलेश आर्या, विहिप पूर्वी दिल्ली के विभाग मंत्री श्री जगवीर जी, आचार्य नरेंद्र मैत्रेय, भजनोपदेशिका श्रीमती कविता आर्या, सुरेश मुखीजा, अरुणा मुखी, अभिमन्यु चावला, सविता टंडन इत्यादि गणमान्य प्रबुद्ध वर्ग के लोग भी उपस्थित थे।