राममंदिर भूमि को लेकर विहिप और भाजपा नेताओं ने विरोधियों पर किया हमला

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अयोध्या में भूमि घोटाले की बात कही। पूरी राजनीति गरमा गई। कागजात के आधार पर बात की गई। अब विश्वहिंदू परिषद के पदाधिकारी आरोप लगाने वाले पर मानहानि और कार्रवाई करने की सोच रहे हैं। आगे की राजनीति इसके इर्द-गिर्द ही होगी।

नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जो काम चल रहा है, उसमें भूमि घोटाले की बात रविवार को आप सांसद संजय सिंह ने उठाई। उसके बाद तमाम विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताआंे ने विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महासचिव चंपत राय के साथ भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करने लगे। अब बाजी पलटती दिख रही है और विहिप नेताओं के बयान के बाद भाजपा और केंद्र सरकार के मंत्री विपक्षी दलों के नेताओं पर हमला कर रहे हैं।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने तो इसके लिए पूरी विपक्षी दलों को खरी खोटी सुनाई। कांग्रेस परिवार सहित राहुल गांधी को खूब सुना गया। कहा गया कि राहुल गांधी, उनका परिवार और विपक्ष हमेशा राममंदिर के बनने में रोड़ा बनते रहे हैं।

इससे पहले विश्व हिंदू परिषद की ओर से कई साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं। स्वयं विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महासविच चंपत राय ने इस पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है।

भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा कई न्यूज चैनल पर आकर कागजात के साथ सफाई दे रहे हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि विपक्षी दलों के पास कोई मुद्दा नहीं है तो वह श्रीराम मंदिर के नाम पर अब राजनीति करना चाहती है और जनता को बरगलाना चाहती है। देश की जनता सब जानती है।

राजनीतिक गलियारों मंे चर्चा है कि कुछ लोग इसी बहाने उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपने लिए नई जमीन तलाश रहे हैं। उन्हें लगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर भाजपा के अंदर ही खींचतान है। ऐसे समय में यदि श्रीराम के नाम पर इस प्रकार के मुद्दे को लेकर सामने आया जाए, तो राजनीतिक लाभ मिल सकता है।

बताया जाता है कि इस मामले की रिपोर्ट अब उत्तर प्रदेश सरकार को भी दी जाएगी। सरकार अपने स्तर से भी इस मामले को देखेगी। इस संबंध में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ट्विट किया है।