बजट में कृषि को आधुनिक और उन्नत बनाने के रास्ते: पीएम मोदी

भारत का कॉपरेटिव सेक्टर काफी वाइब्रेंट है। चाहे वो चीनी मिलें हों, खाद कारखाने हों, डेयरी हो, ऋण की व्यवस्था हो, अनाज की खरीद हो, कॉपरेटिव सेक्टर की भागीदारी बहुत बड़ी है। हमारी सरकार ने इससे जुड़ा नया मंत्रालय भी बनाया है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसानों की आय बढ़ाना और बीज से बाजार तक उन्हें आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्हीं प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए आम बजट-2022 में कृषि को आधुनिक और उन्नत बनाने के रास्ते सुझाए गए हैं।

आम बजट में कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के प्रावधानों पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना आज देश के छोटे किसानों का बहुत बड़ा संबल बनी है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत देश के 11 करोड़ किसानों को लगभग पौने दो लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। मोदी ने कहा, ‘‘किसानों की आय बढ़ाना, खेती का खर्च कम करना और बीज से बाजार तक खेती की आधुनिक सुविधाएं देना हमारी सरकार की प्राथमिकता है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात सालों में सरकार ने बीज से बाजार तक अनेक नई व्यवस्थाएं तैयार की है और पुरानी व्यवस्थाओं में सुधार किया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ छह सालों में कृषि बजट कई गुना बढ़ा है और किसानों के लिए कृषि ऋण में भी 7 सालों में ढाई गुना की बढ़ोतरी की गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आम बजट में कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के लिए कई रास्ते सुझाए गए हैं, जिनमें गंगा के दोनों किनारों पर पांच किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती को ‘‘मिशन मोड’’ पर कराने का लक्ष्य भी शामिल है। उन्होंने कहा इसके अलावा बजट में कृषि और बागवानी में आधुनिक प्रौद्योगिकी किसानों को उपलब्ध कराने, खाद्य तेल के आयात को कम करने के लिए मिशन ऑयल पाम को सशक्त करने, खेती से जुड़े उत्पादों के परिवहन के लिए पीएम गति-शक्ति प्लान द्वारा नई व्यवस्थाएं बनाए जाने, कृषि कचरा प्रबंधन को अधिक संगठित करने और ‘वेस्ट टू एनर्जी’ के उपायों से किसानों की आय बढ़ाने के उपायों पर बल दिया गया है।